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Bal Vnita mahila ashramWhat is Navel Meditation?Laotse says, come on, but keep the focus on the navel.Sit, meditate on the navel.Wake up, meditate on the navel.Do anything but your consciousness revolves around the navel

  Bal Vnita mahila ashram नाभि ध्यान क्या है? लाओत्से कहता है, चलो, लेकिन ध्यान नाभि का रखो। बैठो, ध्यान नाभि का रखो। उठो, ध्यान नाभि का रखो। कुछ भी करो, लेकिन तुम्हारी चेतना नाभि के आस-पास घूमती रहे। एक मछली बन जाओ और नाभि के आस-पास घूमते रहो। और शीघ्र ही तुम पाओगे कि तुम्हारे भीतर एक नई शक्तिशाली चेतना का जन्म हो गया। इसके अदभुत परिणाम हैं। और इसके बहुत प्रयोग हैं। आप यहां एक कुर्सी पर बैठे हुए हैं। लाओत्से कहता है कि आपके कुर्सी पर बैठने का ढंग गलत है। इसीलिए आप थक जाते हैं। लाओत्से कहता है, कुर्सी पर मत बैठो। इसका यह मतलब नहीं कि कुर्सी पर मत बैठो, नीचे बैठ जाओ। लाओत्से कहता है, कुर्सी पर बैठो, लेकिन कुर्सी पर वजन मत डालो। वजन अपनी नाभि पर डालो। अभी आप यहीं प्रयोग करके देख सकते हैं। एम्फेसिस का फर्क है। जब आप कुर्सी पर वजन डाल कर बैठते हैं, तो कुर्सी सब कुछ हो जाती है, आप सिर्फ लटके रह जाते हैं कुर्सी पर, जैसे एक खूंटी पर कोट लटका हो। खूंटी टूट जाए, कोट तत्काल जमीन पर गिर जाए। कोट की अपनी कोई केंद्रीयता नहीं है, खूंटी केंद्र है। आप कुर्सी पर बैठते हैं–लटके हुए कोट की तरह। लाओत्...

Bal Vnita mahila ashram

घर का निर्माण करते समय तो दिशा और स्थान का ज्यादातर लोग ध्यान देते हैं लेकिन घर में समान का रख-रखाव और साज-सजावट करते समय लोग छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब.वास्तु में दिशाओं और स्थान के अनुसार रंगों के बारे में भी बताया गया है। इसी विषय में पर्दों के रंग का चुनाव करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। वास्तु के अनुसार विभिन्न रंग और डिजाइन के पर्दे न केवल घर की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं, बल्कि ये घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। पर्दो के रंग का सही प्रकार से चुनाव करके आप जीवन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कैसे   यदि आपके घर में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी हुई रहती है, जिसके कारण तनाव का सामना करना पड़ता है।तो अपने घर की दक्षिण दिशा में लाल रंग के पर्दे लगाने चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों में प्रेम की भावना बनी रहती है और घर में शांति आती है।   यदि आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर है या फिर आपके ऊपर कर्ज है, जिसे आप प्रयास करने पर भी चुकाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं तो ...

मायावती तारा By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबकिसी अन्य भाषा में पढ़ेंडाउनलोड करेंध्यान रखेंसंपादित करेंमायावती या अलग़ोल, ‏जिसका बायर नाम बेटा परसई ‎(β Persei या β Per) ‏है, ‏ययाति तारामंडल का दूसरा सब से रोशन तारा है।[1] ‏यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ५९वाँ सब से रोशन तारा भी है। यह एक ऐसा द्वितारा है जिसके मुख्य तारे के इर्द-गिर्द घूमता साथी तारा कभी तो उसके और पृथ्वी के बीच आ जाता है और कभी नहीं। इस से यह पृथ्वी से एक परिवर्ती तारा लगता है जिसकी चमक बदलती रहती है। वैदिक काल में इसकी मायावी बदलती प्रकृति के कारण ही इसका नाम ‎"मायावती" ‏पड़ा। इसे पश्चिम और अरब संस्कृतियों में एक दुर्भाग्य का तारा माना जाता था। यह पृथ्वी से लगभग ९३ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। पृथ्वी से देखी गई इसकी चमक ‎(सापेक्ष कान्तिमान) ‏वैसे तो ‎+२.१० मैग्नीट्यूड पर रहती है लेकिन हर २ दिन २० घंटे और ४९ मिनटों के बाद इसकी चमक गिरकर ‎+३.४ हो जाती है ‎(याद रखें कि मैग्नीट्यूड एक ऐसा उल्टा माप है कि यह जितना कम हो रोशनी उतनी अधिक होती है)।द्वितारे में एक तारे के कभी खुले चमकने और कभी ग्रहण हो जाने से उसकी चमक परिवर्तित होती रहती है ‎- ‏नीचे की लक़ीर पृथ्वी तक पहुँच रही चमक को माप रही हैययाति ‎(पर्सियस) ‏तारामंडल में मायावती ‎(अलग़ोल) ‏तारा ‎'β' ‏द्वारा नामांकित हैअन्य भाषाओँ मेंसंपादित करेंमायावती तारे को अंग्रेज़ी में ‎"ऐलगॉल" (Algol) ‏कहते है। यह अरबी के ‎"रास अल-ग़ूल" (رأس الغول‎) ‏से लिया गया है, ‏जिसका अर्थ ‎"राक्षस का सिर" ‏है ‎('ग़' ‏के उच्चारण पर ध्यान दें)। इसे अंग्रेज़ी में ‎"डीमन स्टार" (demon star, ‏असुरी तारा) ‏भी कहा जाता है। इब्रानी भाषा में इसे ‎"रोश हा सातान" (शैतान का सिर) ‏भी बुलाया गया है। पश्चिमी और अरबी सभ्यता में इस तारे का सम्बन्ध दुष्टता और दुर्भाग्य से जोड़ा गया है।विवरणसंपादित करेंमायावती एक द्वितारा मंडल है जिसके दो तारों ‎(मायावती ए और मायावती बी) ‏के इर्द-गिर्द एक तीसरा तारा परिक्रमा करता है, ‏यानि कुल मिलकर इस मंडल में तीन तारे ज्ञात हैं:मायावती ए ‎(Algol A) - ‏यह एक नीले रंग का B8 ‏V श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है। इसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का ३.५९ गुना और व्यास हमारे सूरज के व्यास का २.३ गुना है। इसकी निहित चमक ‎(निरपेक्ष कान्तिमान) ‏सूरज की लगभग ९८ गुना है। इसका सतही तापमान १२,००० कैल्विन है।मायावती बी ‎(Algol B) - ‏यह एक लाल रंग का K0 ‏IV श्रेणी का उपदानव तारा है। इसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का ०.७९ गुना और व्यास हमारे सूरज के व्यास का ३.० गुना है। इसकी निहित चमक ‎(निरपेक्ष कान्तिमान) ‏सूरज की लगभग ३.४ गुना है। यह मायावती ए से केवल ०.०६२ खगोलीय इकाईयों की दूरी पर है। इसका सतही तापमान ४,५०० कैल्विन है।मायावती सी ‎(Algol C) - ‏यह A5 ‏V श्रेणी का तारा है। इसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का १.६७ गुना और व्यास हमारे सूरज के व्यास का ०.९ गुना है। इसकी निहित चमक ‎(निरपेक्ष कान्तिमान) ‏सूरज की लगभग ४.१ गुना है। यह तारा द्वितारे से २.६९ खगोलीय इकाईयों की दूरी पर है और उनकी एक परिक्रमा हर ६८१ दिनों में पूरी कर लेता है। इसका सतही तापमान ८,५०० कैल्विन है।जब मायावती मंडल का शुरू में अध्ययन किया गया तो खगोलशास्त्रियों को एक बात देख कर हैरानी हुई। आम तौर पर किसी द्वितारे के दोनों तारे एक ही समय पर जन्म लेते हैं और उनमें जो भी अधिक द्रव्यमान वाला तारा होता है उसमें नाभिकीय संलयन ‎(न्यूक्लियर फ्यूज़न) ‏अधिक तेज़ी से चलता है। इस से अधिक द्रव्यमान वाला तारा ज़्यादा जल्दी बूढ़ा जो जाता है। लेकिन मायावती ए और मायावती बी में तो यह हिसाब ही उल्टा है: ‏बड़े द्रव्यमान का तारा ‎(ए) ‏अभी मुख्य अनुक्रम में ही है और गरम है, ‏जबकि कम द्रव्यमान वाला उपदानव ‎(बी) ‏अधिक बूढ़ा है और ठंडा पड़ गया है। इसे ‎"ऐलगोल प्रशन" (Algol paradox) ‏बुलाया जाने लगा। बाद में ज्ञात हुआ कि वास्तव में मायावती बी आज से बड़ा हुआ करता था लेकिन जब यह बूढ़ा होकर फूलने लगा तो उसकी बाहरी परत को मायावती ए ने खींचकर उसका बहुत सा द्रव्यमान अपने में मिला लिया और अब उसमें द्रव्यमान बी से कहीं अधिक है।आज से ७३ लाख वर्ष पहले मायावती हमारे सौर मंडल के ९.८ प्रकाश-वर्ष दूर से गुज़ारा था। उस समय यह पृथ्वी के आकाश में व्याध तारे से भी अधिक रोशन रहा होगा, ‏हालांकि इसे देखने के लिए मनुष्य पृथ्वी पर मौजूद नहीं थे। इसका हमारे सौर मंडल पर गुरुत्वाकर्षक प्रभाव भी पड़ा होगा और वैज्ञानिक मानते हैं कि उस काल में इसने हमारे सौर मंडल के और्ट बादल से कुछ धूमकेतुओं को भी अन्दर के ग्रहों की ओर फेंका होगा। फिर समय के साथ-साथ यह हम से दूर होता चला गया और आज ९२.८ प्रकाश वर्ष दूर है।[2]इन्हें भी देखेंसंपादित करेंययाति तारामंडलद्विताराउपदानव तारामुख्य अनुक्रमसन्दर्भसंपादित करें↑ ‏Royal Astronomical Society of New Zealand. "Southern stars, ‏Volume ‎32". ‏Royal Astronomical Society of New Zealand, 1986. ... ‏An ancient Hindu knowledge of Algol's variability seems implied from its identification with Mayavati literally ‎'the changeful') ‏and Mukerji ‎(1905), ‏in his background to this star, ‏makes allusions which go right back to the Rig Veda ‎...↑ ‏J. ‏García-Sánchez, ‏R.A. ‏Preston, ‏D.L. ‏Jones, ‏P.R. ‏Weissman ‎(1999). "Stellar Encounters with the Oort Cloud Based on Hipparcos Data". ‏The Astronomical Journal. 117 (2): 1042–1055. ‏डीओआइ:10.1086/300723.Last edited ‎8 ‏years ago By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबRELATED PAGESगामा जॅमिनोरम ताराअल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे ताराऍप्सिलन कराइनी तारासामग्री Vnita Kasnia Punjab के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो।गोपनीयता नीति उपयोग की शर्तेंडेस्कटॉप

मायावती तारा By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें मायावती  या  अलग़ोल , जिसका  बायर नाम  बेटा परसई (β Persei या β Per) है,  ययाति तारामंडल  का दूसरा सब से  रोशन   तारा  है। [1]  यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से  ५९वाँ सब से रोशन तारा  भी है। यह एक ऐसा  द्वितारा  है जिसके मुख्य तारे के इर्द-गिर्द घूमता साथी तारा कभी तो उसके और पृथ्वी के बीच आ जाता है और कभी नहीं। इस से यह पृथ्वी से एक  परिवर्ती तारा  लगता है जिसकी चमक बदलती रहती है। वैदिक काल में इसकी मायावी बदलती प्रकृति के कारण ही इसका नाम "मायावती" पड़ा। इसे पश्चिम और अरब संस्कृतियों में एक दुर्भाग्य का तारा माना जाता था। यह पृथ्वी से लगभग ९३  प्रकाश वर्ष  की दूरी पर है। पृथ्वी से देखी गई इसकी चमक ( सापेक्ष कान्तिमान ) वैसे तो +२.१०  मैग्नीट्यूड  पर रहती है लेकिन हर २ दिन २० घंटे और ४९ मिनटों के बाद इसकी चमक गिरकर +३.४ हो जाती है (याद रखें कि मैग्नीट्यूड एक ऐसा उल्टा माप है क...

By social worker Vanita Kasniyan Punjab Apsour and ApsourRead in another languageDownloadTake care of yourselfEditThe sun in its orbit around a planet, planet, or comet, respectively.

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब ਅਪਸੌਰ ਅਤੇ ਅਪਸੌਰ ਇਕ ਹੋਰ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿਚ ਪੜ੍ਹੋ ਡਾ .ਨਲੋਡ ਆਪਣਾ ਖਿਆਲ ਰੱਖਣਾ ਸੰਪਾਦਿਤ ਕਰੋ ਪੈਰੀਹੇਲੀਅਨ ਅਤੇ ਅਪੈਲੀਅਨ  ਕ੍ਰਮਵਾਰ , ਕਿਸੇ  ਗ੍ਰਹਿ  ,  ਗ੍ਰਹਿ  ਜਾਂ  ਧੂਮਕੁੰਮੇ  ਦੀ ਆਪਣੀ ਚੱਕਰ ਵਿਚ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਘੱਟੋ ਘੱਟ ਅਤੇ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਦੂਰੀ ਹੈ. 1  - ਉਪਸੌਰ ਗ੍ਰਹਿ 'ਤੇ,  2  - ਉਪਸੌਰ ਗ੍ਰਹਿ' ਤੇ ,  3  - ਸੂਰਜ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿਚ, ਗ੍ਰਹਿ ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ, ਕੁਝ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੇ ਚੱਕਰ ਲਗਭਗ ਸੰਪੂਰਨ ਗੋਲਾਕਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਪਰ ਕੁਝ ਅਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ. ਕੁਝ bitsਰਬਿਟ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਇਕ ਅੰਡਾਕਾਰ ਵਰਗੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਅਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਖਿੱਚੇ ਜਾਂ ਤਾਏ ਦਾ ਚੱਕਰ ਵੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ. ਵਿਗਿਆਨੀ ਇਸ ਅੰਡਾਕਾਰ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ “ਅੰਡਾਕਾਰ” ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਜੇ ਕਿਸੇ ਗ੍ਰਹਿ ਦਾ  ਚੱਕਰ  ਇਕ  ਚੱਕਰ ਹੈ  , ਤਾਂ ਸੂਰਜ ਉਸ ਚੱਕਰ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵਿਚ ਹੈ. ਜੇ, ਇਸ ਦੀ ਬਜਾਏ,  eਰਬਿਟ ਅੰਡਾਕਾਰ ਹੈ  , ਤਾਂ ਸੂਰਜ ਇਕ ਬਿੰਦੂ 'ਤੇ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਅੰਡਾਕਾਰ ਦੀ "ਨਾਭੀ" ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਇਹ ਇਸਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਥੋੜ੍ਹਾ ਵੱਖਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ. ਇੱਕ ਅੰਡਾਕਾਰ ਵਿੱਚ ਦੋ ਤਾਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ. ਕਿਉਂਕਿ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰਹਿਣ ਪੰਧ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵਿਚ...

Fitkari Ke Totke: रात में आते हैं डरावने सपने, आपस में लड़ते रहते हैं घर के सदस्य तो अपनाएं फिटकरी के ये खास टोटकेBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबFitkari Ke Totke: फिटकरी के ये टोटके आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं Fitkari Ke Totke: फिटकरी एक रंगहीन, क्रिस्टलीय पदार्थ हैं. साधारण फिटकरी का रासायनिक नाम पोटाश एलम होता हैं. कुछ घरों में फिटकरी (Fitkari Ke Totke) को आफ्टर शेव की तरह इस्तेमाल करते हैं तो कुछ घरों में इसका प्रयोग पानी साफ करने के लिए. इसके अलावा लेकिन क्या आप जानते हैं सेहत के साथ ही फिटकरी (Fitkari Ke Upay) से आपके जीवन में चल रही समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है. ऐसे में अगर आपके जीवन में भी समस्याएं चल रही हैं और आप उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो फिटकरी (Fitkari Ke Totke In Hindi) के ये टोटके आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. इन्हें अपनाने से आपको कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा. आइए जानते हैं फिकटरी (fitkari ke totke kis din kare) के इन टोटकों के बारे में- Also Read - Fitkari Ke Totke: रात में आते हैं डरावने सपने, आपस में लड़ते रहते हैं घर के सदस्य तो अपनाएं फिटकरी के ये खास टोटके- रात में अगर आपको डरावने सपने आते हैं तो बिस्तर के नीचे काले कपड़े में फिटकरी बांधकर रखें. इससे बुरे स्वप्न आना बंद होंगे. Also Read - कई तरह के इन्‍फेक्‍शंस का रामबाण ईलाज है फिटकरी, ऐसे करें इस्‍तेमाल- अगर बच्चा रात में सोते समय डरकर उठ जाता है तो मंगलवार या रविवार के दिन फिटकरी का एक टुकड़ा बच्चे के सिरहाने रख दें. रात में बच्चे को सोते समय बुरे सपने नहीं आएंगे.- अगर आप अपने बिजनेस में बरकत लाना चाहते हैं तो अपनी दुकान या ऑफिस के मुख्य द्वार पर काले कपड़े में फिटकरी बांधकर लटका दें इससे बरकत बनी रहती है.- अगर परिवार के सदस्य आपस में लड़ते-झगड़ते रहते हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए परिवार का मुखिया अपने बिस्तर के नीचे फिटकरी का पानी रख दें. सुबह अपने ईष्टदेव के नाम लेकर इस पानी को पीपल को चढ़ाएं.- घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने के लिए बाथरूम में फिटकरी से भरा एक कटोरा रखें. हर महीने इस कटोरे की फिटकरी को बदलते रहें.- अगर आपका बालक पढ़ाई में कमजोर है अथवा उसका मन एकाग्र नहीं होता है तो उसकी पढ़ने की मेज पर या उसके कमरे में एक गुलाबी फिटकरी और एक सफेद फिटकरी का टुकड़ा कांच की प्लेट में रख दें.- अगर आपका मन घर में नहीं लगता, बेडरूम में नींद नहीं आती अथवा घर में आते ही नेगेटिव फीलिंग होती है तो गुलाबी फिटकरी के कुछ टुकड़े कांच की प्लेट में उस स्थान पर रख दें.- कर्ज से छुटकारा पाने के लिए एक पान के पत्ते पर थोड़ी सी फिटकरी और सिंदूर बांधकर बुधवार की सुबह या शाम को पीपल के पेड़ के नीचे किसी बड़े पत्थर से दबा दें. यह कार्य तीन बुधवार करें.

Fitkari Ke Totke: रात में आते हैं डरावने सपने, आपस में लड़ते रहते हैं घर के सदस्य तो अपनाएं फिटकरी के ये खास टोटके By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब Fitkari Ke Totke: फिटकरी के ये टोटके आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं    Fitkari Ke Totke: फिटकरी एक रंगहीन, क्रिस्टलीय पदार्थ हैं. साधारण फिटकरी का रासायनिक नाम पोटाश एलम होता हैं. कुछ घरों में फिटकरी (Fitkari Ke Totke) को आफ्टर शेव की तरह इस्तेमाल करते हैं तो कुछ घरों में इसका प्रयोग पानी साफ करने के लिए. इसके अलावा लेकिन क्या आप जानते हैं सेहत के साथ ही फिटकरी (Fitkari Ke Upay) से आपके जीवन में चल रही समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है. ऐसे में अगर आपके जीवन में भी समस्याएं चल रही हैं और आप उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो फिटकरी (Fitkari Ke Totke In Hindi) के ये टोटके आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. इन्हें अपनाने से आपको कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा. आइए जानते हैं फिकटरी (fitkari ke totke kis din kare) के इन टोटकों के बारे में- Also Read - Fitkari Ke Totke: रात में आते हैं डरावने सपने, आपस में लड़ते रहते हैं...

बाल वनिता महिला आश्रम

समस्त वास्तु दोष कैसे दूर करें, जानिए 10 उपाय By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब घर में या घर के बाहर कई तरह के वास्तु दोष हो सकते हैं। वास्तु दोष से कई तरह के रोग या शोक उत्पन्न होते हैं। अत: यदि आपका घर कार्नर का है, तीराहे, चौराहे पर है, दक्षिण दिशा का घर है या घर के अंदर किसी भी प्रकार से वास्तु दोष है तो आप उक्त 10 उपाय आजमाएं और निश्‍चिंत हो जाएं।     1. दक्षिण में है घर का द्वार :  यदि आपका घर दक्षिणमुखी है तो आप सबसे पहले घर के सामने द्वारा से दोगुनी दूर पर नीम का एक पेड़ लगाएं। दूसरा यह कि द्वारा के ऊपर पंचमुखी हनुमान का चित्र लगाएं। आदमकद दर्पण भी लगा सकते हैं। मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता है। गणेशजी की पत्थर की दो मूर्ति बनवाएं जिनकी पीठ आपस में जुड़ी हो। इस जुड़ी गणेश प्रतिमा को मुख्य द्वार के बीचों-बीच चौखट पर फिक्स कर दें, ताकि एक गणेशजी अंदर को देखें और एक बाहर को।     2.एक ही सीध में हैं द्वार :  यदि आपके मुख्‍य द्वारा के बाद भीतर के द्वार भी एक ही सीध में हैं तो यह भी वास्तुदोष निर्मित करता है। इसके...
33 लाख रुपए में बिकने वाले खरबूजे की खेती कहां और कैसे हो रही है, जानिए सबकुछ By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब BAL  VNITA MAHILA Ashram      इन खरबूजों को आप बाजार से नहीं खरीद सकते. इनकी खरीददारी के लिए नीलामी की प्रक्रिया होती है और सबसे अधिक बोली लगाने वाला इसे हासिल करता है. Japanese Melon जापान में ये खरबूजे लाखों की कीमत पर बिकते हैं. क्या आपको पता है कि जापान को महंगे फलों के लिए भी जाना जाता है? जी हां, यहां पर तो महंगे फलों का एक अलग उद्योग ही है. जापान में उपहार के तौर पर फल देना काफी प्रचलित है. जापान के महंगे खरबूजे अक्सर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरते हैं, लेकिन अब इनकी खेती मलेशिया में भी हो रही है. आखिर आप सोच रहे होंगे कि जापान के खरबूजों का भला मलेशिया में क्या काम? लेकिन यहां के किसान ऐसा नहीं सोचते. वे पूरी जी जान से लगकर जापान के महंगे खरबूजों की खेती कर रहे हैं और इसकी अच्छी कीमत पा रहे हैं. मलेशिया के पुत्रजया राज्य में मोनो प्रीमियम मेलन नाम की एक संस्था जापान से दुनिया के महंगे खरबूजे का बीज मंगाकर खेती कर रही है. 2019 में मलेशिया के सोप्पोरो ...

Vaastu Shaastra By social worker Vanita Kasani Punjab //4Bal Vanita Mahila AshramRead in another languagedownloadTake careEditThis article is a foundation. Add this information

वास्तु शास्त्र By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब// 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️ बाल  वनिता महिला आश्रम किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें यहयह लेख एक  आधार  है। जानकारी जोड़कर इसे  बढ़ाने में  विकिपीडिया की मदद करें। संस्कृत  में कहा गया है कि...  गृहस्थस्य क्रियास्सर्वा न सिद्धयन्ति गृहं विना।   [1] वास्तु शास्त्र  घर, प्रासाद,  भवन  अथवा  मन्दिर  निर्मान करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है। जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है उन वस्तुओं को किस प्रकार से रखा जाए वह भी वास्तु है वस्तु शब्द से वास्तु का निर्माण हुआ है वास्तु पुरुष की अवधारणा डिजाइन दिशात्मक संरेखण के आधार पर कर रहे हैं। यह हिंदू वास्तुकला में लागू किया जाता है, हिंदू मंदिरों के लिये और वाहनों सहित, बर्तन, फर्नीचर, मूर्तिकला, चित्रों, आदि। दक्षिण भारत में वास्तु का नींव परंपरागत महान साधु  मायन  को जिम्मेदार माना जाता है और ...

ईश्वर को देखें तो कहां देखें?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब//🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️

ईश्वर को देखें तो कहां देखें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब//🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️ ईश्वर को देखें तो कहां देखें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब// 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️ रात चांद निकला है, जोड़ लो हाथ, झुक जाओ पृथ्वी पर। गुलाब का फूल खिला है, मत चूको अवसर। बैठ जाओ पास, जोड़ लो हाथ, झुक जाओ। कौन जाने यह गुलाब की ताजगी, यह गुलाब जो गुलाल फेंक रहा हो, कृष्ण ने ही फेंकी हो! है तो सब गुलाल उसी की। अब तुम ऐसे मत बैठे रहना कि वह लेकर पिचकारी आएगा तब, कुछ नासमझ ऐसे बैठे हैं कि जब वह पिचकारी लेकर आएगा तब। और कपड़े भी उन्होंने पुराने पहन रखे हैं कि कहीं खराब न कर दे। वह रोज ही आ रहा है, प्रतिपल आ रहा है। उसके सिवा और कुछ आने को है भी नहीं। वही आता है। इन वृक्षों में से झलकती हुई सूरज की किरणों को देखते हो! इन वृक्षों में जो किरणों ने जाल फैलाया है, उसे देखते हो! इन वृक्षों के बीच जो धूप—छाया का रास हो रहा है, उसे देखते हो! यह उसी का रास है। इन वृक्षों में जो पक्षी कलरव कर रहे हैं, यह वही है। अब तुम यह मत सोचो कि जब वह बांसुरी बजाएगा, तब हम सुनेंगे। यह उसी की बांसुरी है। कभी पक्षियों से गाता है...

वास्तु

वास्तु टिप्स: इस दिशा में बर्तन सहित मिट्टी से बनी चीजों को रखना अच्छा माना जाता है  वास्तु शास्त्र में आज er * सामाजिक कार्यकर्ता वनिता कासनियान पंजाब द्वारा- राम राम जी * direction मिट्टी से बनी अन्य चीजों को रखने की सही दिशा के बारे में।  वास्तु टिप्स: इस दिशा में बर्तनों सहित मिट्टी से बनी चीजों को रखना अच्छा माना जाता है  मिट्टी से बनी अन्य चीजों को रखने की सही दिशा के बारे में आज वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सब कुछ रखने के लिए एक उचित दिशा निर्धारित की गई है, जो न केवल उस दिशा का लाभ उठाती है, बल्कि उस घर, कार्यालय या अन्य स्थान पर स्थित व्यक्ति भी है।  ऐसे मिट्टी के बरतन रखने की उचित दिशा का भी वर्णन किया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मिट्टी से बनी चीजें जैसे मिट्टी के शो पीस या मिट्टी के बर्तन या किसी अन्य चीज को रखने के लिए सबसे उपयुक्त दिशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा है। चूंकि यह दिशा पृथ्वी तत्व और पृथ्वी से संबंधित है, अर्थात पृथ्वी, अर्थात् मिट्टी। इसलिए मिट्टी से जुड़ी चीजों को उत्तर-पूर्व के कोने...

वास्तु

वास्तु   Vastu Tips: गमला सहित मिट्टी से बनीं चीजें इस दिशा में रखना माना जाता है अच्छा वास्तु शास्त्र में आज 🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹से जानिए मिट्टी से बनी अन्य चीज़ों को रखने की सही दिशा के बारे में। Vastu Tips: गमला सहित मिट्टी से बनीं चीजें इस दिशा में रखना माना जाता है अच्छा वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए मिट्टी से बनी अन्य चीज़ों को रखने की सही दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार हर चीज़ को रखने के लिये एक उचित दिशा निर्धारित की गई है, जिससे उस दिशा को तो लाभ मिलता ही है, साथ ही उस घर, कार्यालय या अन्य जगह पर स्थित व्यक्ति को भी बहुत लाभ मिलता है।  ऐसे ही मिट्टी की चीज़ों को रखने के लिये भी उचित दिशा का वर्णन किया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मिट्टी से बनी चीज़ों जैसे मिट्टी का कोई शो पीस या मिट्टी के गमले या कोई अन्य चीज़ रखने के लिये सबसे उचित दिशा ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा को बताया गया है। चूंकि इस दिशा का संबध पृथ्वी तत्व से बताया गया है और पृथ्वी, यानी धरती, यानी मिट्टी। अतः ईशान...