नवग्रहों के शुभ-अशुभ फल और उनके उपाय🌺By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब:🥦🌹🙏🙏🌹🥦🌺सूर्य- सूर्य ग्रह हमें तेज, यश, मान-सम्मान प्रदान करता है। सूर्य शुभ होने पर हमें समाज में प्रसिद्धि मिलती है। सूर्य के अशुभ होने पर अपमान जैसे विपरीत प्रभाव प्राप्त होते हैं। उपाय- इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह सूर्य को जल अर्पित करें। पिता का सम्मान करें। भगवान विष्णु की पूजा करें। 🌺चंद्र- चंद्र का संबंध हमारे मन से बताया गया है। चंद्र अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति शांत होता है, लेकिन अशुभ चंद्र मानसिक तनाव बढ़ाता है। यदि चंद्र अधिक विपरीत हो तो व्यक्ति पागल भी हो सकता है।उपाय: यदि चंद्र अशुभ स्थिति में हो तो प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए। माता का सम्मान करें। 🌺मंगल: मंगल हमारे धैर्य और पराक्रम को नियंत्रित करता है। शुभ मंगल हो तो व्यक्ति कुशल प्रबंधक होता है। भूमि संबंधी कार्यों में लाभ प्राप्त करता है। अशुभ मंगल होने पर भूमि से हानि हो सकती है। रक्त संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। उपाय: मंगल से शुभ फल प्राप्त करने के लिए हर मंगलवार शिवलिंग पर लाल पुष्प अर्पित करें। भाइयों के साथ अच्छे संबंध रखें। 🌺बुध: बुध ग्रह हमारी बुद्धि और वाणी को प्रभावित करता है। शुभ बुध होने पर हमारी बुद्धि शुद्ध और पवित्र होती है। बुध अशुभ होने पर व्यक्ति बुद्धि का सही उपयोग नहीं कर पाता है। उपाय: बुध के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए हर बुधवार गाय को हरी घास खिलाएं। मां दुर्गा की पूजा करें। बहन, बुआ, बेटी का मान- सम्मान करें🌺गुरु: गुरु ग्रह हमारी धार्मिक भावनाओं को नियंत्रित करता है। इस ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति को धर्म संबंधी कार्यों में विशेष लाभ प्राप्त होता है। भाग्य का साथ मिलता है। अशुभ गुरु होने पर व्यक्ति धर्म पथ से भटक सकता है। उपाय: बड़ों का सम्मान करें। गुरु से शुभ फल प्राप्त करने के लिए हर गुरुवार चने की दाल का दान करें। 🌺शुक्र: शुक्र से प्रभावित व्यक्ति कलाप्रेमी, सुंदर और ऐश्वर्य प्राप्त करने वाले होता है। शुभ शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति विलासिता का जीवन पाता है। अशुभ शुक्र होने पर व्यक्ति के आकर्षण में कमी आ सकती है। व्यक्ति को सुंदर और आकर्षक वस्त्र प्राप्त नहीं हो पाते हैं। उपाय: शुक्रवार को दूध, चावल, चीनी, सफेद कपड़े का दान करें। माता वैभव लक्ष्मी का 21 शुक्रवार विधि विधान से व्रत करें। नारी जाति, पत्नी का कभी अपमान ना करें।🌺शनि: जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि शुभ अवस्था में हो, वह सभी सुखों को प्राप्त करने वाला, श्याम वर्ण, शक्तिशाली होता है। शनि अशुभ होने पर व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। पिता की ओर से भी पूर्ण सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है। उपाय: शनि से शुभ फल पाने के लिए हर शनिवार तेल का दान करें। पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें। चाचा, सेवक, मजदूर वर्ग के साथ किसी प्रकार का झगड़ा न रखें। 🌺राहु: जिस व्यक्ति की कुंडली राहु बलशाली होता है, वह कठोर स्वभाव वाला, प्रखर बुद्धि, श्याम वर्ण होता है। इस ग्रह के अशुभ होने पर बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उपाय: राहु के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को काले कंबल का दान करें। सफाई कर्मचारी को कुछ ना कुछ भेंट करते रहे। पड़ोसी के साथ संबंध खराब कभी ना करें।🌺केतु: केतु शुभ हो तो व्यक्ति कठोर स्वभाव, गरीबों का हित करने वाला, श्याम वर्ण होता है। यदि कुंडली में केतु अशुभ है तो व्यक्ति को कार्यों में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है। उपाय: केतु से शुभ फल प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और वृक्ष की सात परिक्रमाएं करें। कुत्तों को खाना खिलाये, किसी पेड़ के नजदीक चीटियों को भोजन दें।
🌺नवग्रहों के शुभ-अशुभ फल और उनके उपाय🌺
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब:🥦🌹🙏🙏🌹🥦
🌺सूर्य- सूर्य ग्रह हमें तेज, यश, मान-सम्मान प्रदान करता है। सूर्य शुभ होने पर हमें समाज में प्रसिद्धि मिलती है। सूर्य के अशुभ होने पर अपमान जैसे विपरीत प्रभाव प्राप्त होते हैं।
उपाय- इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह सूर्य को जल अर्पित करें। पिता का सम्मान करें। भगवान विष्णु की पूजा करें।
🌺चंद्र- चंद्र का संबंध हमारे मन से बताया गया है। चंद्र अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति शांत होता है, लेकिन अशुभ चंद्र मानसिक तनाव बढ़ाता है। यदि चंद्र अधिक विपरीत हो तो व्यक्ति पागल भी हो सकता है।
उपाय: यदि चंद्र अशुभ स्थिति में हो तो प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए। माता का सम्मान करें।
🌺मंगल: मंगल हमारे धैर्य और पराक्रम को नियंत्रित करता है। शुभ मंगल हो तो व्यक्ति कुशल प्रबंधक होता है। भूमि संबंधी कार्यों में लाभ प्राप्त करता है। अशुभ मंगल होने पर भूमि से हानि हो सकती है। रक्त संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
उपाय: मंगल से शुभ फल प्राप्त करने के लिए हर मंगलवार शिवलिंग पर लाल पुष्प अर्पित करें। भाइयों के साथ अच्छे संबंध रखें।
🌺बुध: बुध ग्रह हमारी बुद्धि और वाणी को प्रभावित करता है। शुभ बुध होने पर हमारी बुद्धि शुद्ध और पवित्र होती है। बुध अशुभ होने पर व्यक्ति बुद्धि का सही उपयोग नहीं कर पाता है।
उपाय: बुध के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए हर बुधवार गाय को हरी घास खिलाएं। मां दुर्गा की पूजा करें। बहन, बुआ, बेटी का मान- सम्मान करें
🌺गुरु: गुरु ग्रह हमारी धार्मिक भावनाओं को नियंत्रित करता है। इस ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति को धर्म संबंधी कार्यों में विशेष लाभ प्राप्त होता है। भाग्य का साथ मिलता है। अशुभ गुरु होने पर व्यक्ति धर्म पथ से भटक सकता है।
उपाय: बड़ों का सम्मान करें। गुरु से शुभ फल प्राप्त करने के लिए हर गुरुवार चने की दाल का दान करें।
🌺शुक्र: शुक्र से प्रभावित व्यक्ति कलाप्रेमी, सुंदर और ऐश्वर्य प्राप्त करने वाले होता है। शुभ शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति विलासिता का जीवन पाता है। अशुभ शुक्र होने पर व्यक्ति के आकर्षण में कमी आ सकती है। व्यक्ति को सुंदर और आकर्षक वस्त्र प्राप्त नहीं हो पाते हैं।
उपाय: शुक्रवार को दूध, चावल, चीनी, सफेद कपड़े का दान करें। माता वैभव लक्ष्मी का 21 शुक्रवार विधि विधान से व्रत करें। नारी जाति, पत्नी का कभी अपमान ना करें।
🌺शनि: जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि शुभ अवस्था में हो, वह सभी सुखों को प्राप्त करने वाला, श्याम वर्ण, शक्तिशाली होता है। शनि अशुभ होने पर व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। पिता की ओर से भी पूर्ण सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है।
उपाय: शनि से शुभ फल पाने के लिए हर शनिवार तेल का दान करें। पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें। चाचा, सेवक, मजदूर वर्ग के साथ किसी प्रकार का झगड़ा न रखें।
🌺राहु: जिस व्यक्ति की कुंडली राहु बलशाली होता है, वह कठोर स्वभाव वाला, प्रखर बुद्धि, श्याम वर्ण होता है। इस ग्रह के अशुभ होने पर बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उपाय: राहु के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को काले कंबल का दान करें। सफाई कर्मचारी को कुछ ना कुछ भेंट करते रहे। पड़ोसी के साथ संबंध खराब कभी ना करें।
🌺केतु: केतु शुभ हो तो व्यक्ति कठोर स्वभाव, गरीबों का हित करने वाला, श्याम वर्ण होता है। यदि कुंडली में केतु अशुभ है तो व्यक्ति को कार्यों में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है।
उपाय: केतु से शुभ फल प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और वृक्ष की सात परिक्रमाएं करें। कुत्तों को खाना खिलाये, किसी पेड़ के नजदीक चीटियों को भोजन दें।
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