🌺 जानिए किस देवता के तेज से देवी दुर्गा के कौन से अंग बने 🌺 भगवान शंकर के तेज से देवी का मुख प्रकट हुआ। यमराज के तेज से मस्तक के केश। भगवान विष्णु के तेज से भुजाएं। चंद्रमा के तेज से स्तन। इंद्र के तेज से कमर। वरुण के तेज से जंघा। पृथ्वी के तेज से नितंब। ब्रह्मा के तेज से चरण। सूर्य के तेज से दोनों पौरों की अंगुलियां, प्रजापति के तेज से सारे दांत। अग्नि के तेज से दोनों नेत्र। संध्या के तेज से भौंहें। वायु के तेज से कान। अन्य देवताओं के तेज से देवी के भिन्न-भिन्न अंग बने हैं। कहा जाता है कि फिर शिवजी ने उस महाशक्ति को अपना त्रिशूल दिया, लक्ष्मीजी ने कमल का फूल, विष्णु ने चक्र, अग्नि ने शक्ति व बाणों से भरे तरकश, प्रजापति ने स्फटिक मणियों की माला, वरुण ने दिव्य शंख, हनुमानजी ने गदा, शेषनागजी ने मणियों से सुशोभित नाग, इंद्र ने वज्र, भगवान राम ने धनुष, वरुण देव ने पाश व तीर, ब्रह्माजी ने चारों वेद तथा हिमालय पर्वत ने सवारी के लिए सिंह को प्रदान किया। इसके अतिरिक्त समुद्र ने बहुत उज्ज्वल हार, क...