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वास्तु,घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए? By वनिता कासनियां पंजाब हर इंसान के घर में एक पूजा स्थल या छोटा सा मंदिर होता है. जहां लोग कुछ देर बैठकर भगवान की आराधना करते हैं. लेकिन लोगों के मन में अलग-अलग प्रकार के सवाल उठते हैं जैसे की उन्हें अपने घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए? या ऐसे कौन से देवता हैं जिनकी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए?शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में 33 कोटि के देवता होते हैं. तो हमें इनमें से कितने देवी देवताओं को अपने घर के मंदिर में रखना चाहिए. और इनमें से कितनों की पूजा करनी चाहिए. यह सब सवाल हमारे मन में उठते रहते हैं. तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इन सभी सवालों के उत्तर देंगे.कई लोग अपने घर के मंदिर में एक भगवान की अनेक मूर्तियां रखते हैं. आपने भी ऐसा अनेकों जगह देखा होगा. और कुछ लोग अपने घर के मंदिर में देवी देवताओं का झुंड बनाकर रखते हैं. कहने का तात्पर्य है की इंसान जहां देवताओं की पूजा करता है वहां मूर्तियों का या तस्वीरों का भंडार लाकर रख देता है.दोस्तों मेरा सवाल आपसे यह है कि क्या यही सही तरीका है? इसका उत्तर हमें इस बात से मिलेगा कि हम पूजा क्यों करते हैं.दोस्तों हम पूजा अपना ध्यान एकाग्र चित्त करके भगवान की आराधना करने के लिए करते हैं. अब अगर हम मंदिर में जाएंगे और हमारे सामने अनेकों तस्वीरें और मूर्तियां रखी होंगी तो हम क्या किसी देवता का ध्यान कर पाएंगे.हम एक प्रतिमा का कुछ देर ध्यान कर सकते हैं पर उससे ज्यादा नहीं क्योंकि जैसे ही हमारी आंख खुलेगी हम किसी दूसरी प्रतिमा की तरफ देखेंगे और हमारा ध्यान उस प्रतिमा की ओर चला जाएगा.दोस्तों हम पूजा इसलिए नहीं करते कि अपना ध्यान एक भगवान से दूसरे भगवान की ओर ले जाएं. बल्कि इसलिए करते हैं की हम किसी भी देवता की आराधना सच्चे और एकाग्र चित्त मन से कर सकें.इसका अर्थ यह नहीं कि हमें अपने घर में सिर्फ एक ही देवता की पूजा करनी चाहिए. दोस्तों आपको बता दूं कि शास्त्रों में 5 देवता को अपने घर के मंदिर में रखने के लिए बताया गया है.Table of Contents घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए?1. भगवान सूर्य2. गणेश भगवान3. भगवान विष्णुघर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए?जैसा कि मैंने अभी बताया घर में बहुत सारी मूर्तियों का भंडार नहीं रखना चाहिए. आप अपने इष्ट देवता को मध्य में रखकर सभी देवताओं को आजू-बाजू में रख सकते हैं. ताकि आप जब कभी भी ध्यान करें तो आपका ध्यान एकाग्र चित्त रहें.ghar ke mandir mein kaun se bhagwan rakhna chahiyeghar ke mandir mein kaun se bhagwan rakhna chahiyeअगर आप शैव संप्रदाय के हैं तो आप भगवान शंकर को मध्य रखकर पूजा कर सकते हैं. अगर गणपति संप्रदाय के हैं तो आप गणेश भगवान को मध्य रखकर पूजा अर्चना कर सकते हैं. अगर आप देवी संप्रदाय के हैं तो फिर आप देवी को मध्य में रखकर ध्यान करें.मैं आपको उन सभी देवताओं की मूर्ति घर के मंदिर में रखने के लिए बताऊंगा जिनके दर्शन मात्र से ही हमारे जन्मों के पाप मिट जाते हैं.1. भगवान सूर्यवैसे तो भगवान सूर्य की घर पर कोई प्रतिमा रखी नहीं जाती. इनकी पूजा अक्सर लोग इनको आकाश में देखकर ही करते हैं. और ऐसा करना ही शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. पर फिर भी अगर आप भगवान सूर्य कि कोई प्रतिमा अपने घर में रखना चाहते हैं तो आप तांबे के सूर्य भगवान को अपने घर पर रख सकते हैं.दोस्तों शास्त्रों के अनुसार हमें भगवान सूर्य की पूजा साक्षात उनके दर्शन करके ही करनी चाहिए. भगवान सूर्य की प्रतिमा रखकर उनकी पूजा करने से उतने उत्तम फल प्राप्त नहीं होते जितने साक्षात उनके दर्शन करके पूजा करने से होते है .2. गणेश भगवानदोस्तों हम सब जानते हैं कि गणेश भगवान को भोलेनाथ शंकर से यह आशीर्वाद प्राप्त है की उनकी पूजा सभी देवी देवताओं से पहले होगी. तो जब कहीं भी बात मंदिर में प्रतिमा रखने की आती है तो सबसे पहले गणेश भगवान का नाम आता है.दोस्तों अगर आप घर में मंदिर स्थापित करना चाहते हैं तो आपको गणेश भगवान की मूर्ति जरूर रखनी चाहिए. बस इतना ध्यान रखिए की उनकी मूर्ति बैठी मुद्रा में हो. और उनकी सुंड़ बांई और मुड़ी हुई हो जिसमें लड्डू लगा हुआ होना चाहिए. ऐसा करने से आपके घर में सुख शांति का वास रहेगा. और आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी.दोस्तों मैंने ऐसा अनेक लोगों के घर में देखा है कि लोग गणेश भगवान की तीन तीन मूर्तियां रखते हैं. यह शास्त्रों में सख्त वर्जित है. हमें सभी देवी देवताओं की एक ही प्रतिमा रखनी चाहिए और उनकी सच्चे मनसे आराधना करनी चाहिए.3. भगवान विष्णुशास्त्रों के अनुसार इस पृथ्वी के रचयिता है ब्रह्म देव , संहारक हैं भगवान शंकर और जो पालनहार हैं वह है भगवान विष्णु. इसलिए भगवान विष्णु की पूजा हमें सदैव करना चाहिए. इसलिए हमें अपने घर में भगवान विष्णु की मूर्ति अवश्य रखनी चाहिए.भगवान विष्णु की पूजा पीले वस्त्र पहनकर और हल्दी लगाकर करें. विष्णु भगवान की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. जीवन की कठिनाइयां जैसे संतान की प्राप्ति, पैसे की तंगी या और भी समस्याएं सभी दूर हो जाती हैं.इसलिए हमें विष्णु भगवान की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए. मन में किसी भी प्रकार का छल और लालच नहीं होना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु बहुत दयालु हैं .वे सब पर कृपा करते हैं. बस भक्त उनकी सच्चे मन से आराधना करें.4. भगवान शंकरभगवान शंकर को देवों के देव महादेव कहा गया है. इन्हें तीनों लोकों का स्वामी कहा गया है.इसी लिए महादेव की पूजा करना भी अनिवार्य है. इसलिए हमें अपने घर के मंदिर में भगवान शंकर की प्रतिमा रखना चाहिए. और उसकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए.भोलेनाथ की केवल एक ही प्रतिमा रखें. घर के मंदिर में एक से ज्यादा प्रतिमाएं रखकर पूजा नहीं करना चाहिए. भगवान शंकर की आराधना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है.सभी समस्याए खत्म होती है.5. माँ पार्वतीपार्वती माता को उमा और गौरी भी कहा जाता है.शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती को मातृत्व , शक्ति , प्रेम सौंदर्य, विवाह, और संतान की देवी कहा जाता है. इसलिए इनकी पूजा हर घर में होनी चाहिए. पुराणों के अनुसार माता पार्वती को भगवान बृष्णू की बहन और शिव शक्ति का अवतार माना गया है.माता पार्वती देविओं का सौम्य रूप है इसलिए इनकी प्रतिमा हमें अपने घर के मंदिर में अवश्य रखनी चाहिए. माता पार्वती की पूजा करने से अपने जीवन साथी की उम्र बढ़ती है ,घर में शुख समृद्धि आती है, संतान की प्राप्ति होती है, और वैवाहिक जीवन सुखद गुजरता है.ऊपर दिए गए देवी देवताओं की प्रतिमा हमें अपने घर में अवश्य रखनी चाहिए. कई लोगों के मन में सवाल होगा देवी देवताओं के तस्वीरों और कैलेंडरों के बारे में.क्या हमें अपने घर में देवी देवताओं की तस्वीरें और कैलेंडर लगाने चाहिए?दोस्तों शास्त्रों में प्रतिमाओं के बारे में कई बातें कहीं गई है. जैसे पंच देव उपासना या प्राण प्रतिष्ठा जैसा कि मैंने आपको अभी ऊपर बताया. लेकिन तस्वीरों के बारे में शास्त्र कोई भी पाबंदी नहीं लगाता. हम कई प्रकार की तस्वीरें अपने घर में लगा सकते हैं.1. श्री कृष्ण की बाल अवस्था की तस्वीरभगवान श्री कृष्ण के बचपन की तस्वीर घर में लगाने से और उनके दर्शन करने से हमारे घर में सुख , शांति और समृद्धि आती है.2. श्री राधा कृष्ण का युगल स्वरूपहमें राधा कृष्ण के युगल स्वरूप की तस्वीर अपने घर में जरूर लगानी चाहिए.3. राम दरबार की तस्वीरअगर आप अपने पारिवारिक सदस्यों में प्रेम और अपनेपन की कमी नहीं देखना चाहते तो अपने घर के ड्राइंग रूम में राम दरबार की तस्वीर लगाएं. जिसमें राम और सीता बैठे हो और उनके इर्द-गिर्द उनके सभी भाई हनुमान के साथ उनकी ओर हाथ जोड़कर खड़े हों.4. गणपति की तस्वीरआप गणेश भगवान की तस्वीर भी अपने घर पर लगा सकते हैं बस इतना ध्यान रखें कि उस तस्वीर में उनकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए जिसमें लड्डू भी हो. गणेश भगवान की तस्वीर में मोदक और चूहा जरूर होना चाहिए.अगर आप गणपति की तस्वीर अपने घर पर लगा रहे हैं तो वह बैठी मुद्रा में हों और अगर आप अपने व्यवसायिक स्थल पर उनकी तस्वीर लगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि वह खड़ी मुद्रा में हो.5. माता लक्ष्मी की तस्वीरहमें अपने घर में माता लक्ष्मी जी की तस्वीर लगानी चाहिए. जिससे हमारे घर में धन की समस्या कभी नहीं होती है.6. कुबेर यंत्र की स्थापनाकई ज्ञानियों के मतानुसार हमें अपने घर में कुबेर यंत्र की स्थापना करनी चाहिए. और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उस यंत्र की सच्चे मन से आराधना करनी चाहिए. मुझसे हमारे व्यापार में बहुत अधिक उन्नति होती है और धन की समस्या भी कभी नहीं होती है.इन सारी तस्वीरों को अपने घर में लगा सकते हैं और देवताओं के दर्शन नियमित तौर पर कर सकते हैं.घर में कौन कौन से देवी देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए?अब हम बात करते हैं कि हमें अपने घर में कौन कौन से देवी देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए. दोस्तों ऐसे भी कई देवता है जिनकी घर में मूर्ति रखने से अशांति और कई प्रकार की समस्याएं आती है.दोस्तों हमारे पूजा कर सकारात्मकता का प्रतीक है. हम सुबह स्नान करके पूजा करते हैं ताकि हमारी शरीर सकारात्मकता से भर जाए. और हम भरपूर एनर्जी के साथ दिन का पूरा काम कर सकें.जब कभी भी अपने घर में मूर्ति या तस्वीर लगाने की सोचे तो नीचे दिए गए देवी देवताओं की तस्वीर या मूर्ति कभी भी ना लगाएं. और अगर आपके घर में यह मूर्तियां हैं तो इन्हें तुरंत जाकर किसी मंदिर में दान करें.1. नटराज शंकर की मूर्तिनटराज का अर्थ होता है नृत्य करते हुए. दोस्तों भगवान शंकर नृत्य तभी करते थे जब वो अत्यधिक क्रोध में आ जाते थे. इसलिए घर पर भगवान शंकर की तांडव करते हुए मूर्ति रखना या कोई तस्वीर लगाना बहुत शुभ नहीं माना जाता.ऐसी तस्वीर घर पर लगाने से या मूर्ति रख कर पूजा करने से घर में लड़ाई झगड़े होते रहते हैं. परिवार के सदस्यों के बीच में मनमुटाव हो सकता है. मन में शांति बहुत कम रहती है. इसलिए अगर आपके घर पर भगवान नटराज शंकर की मूर्ति रखी है तो आप उसे तुरंत वहां से हटाकर किसी मंदिर में दान कर दें.2. माता महाकाली कीमाता महाकाली का जो स्वरूप है, वह देवियों का विध्वनशक रूप है. इसी रूप में माता काली ने न जाने कितने राक्षसों का वध किया था. मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार करने के लिए ही महाकाली का रूप धारण किया था.माता काली का क्रोध अपार है. उनके क्रोध को आसानी से शांत नहीं किया जा सकता है. हमारे शास्त्रों में वर्णित एक कथा अनुसार जब मां दुर्गा ने मां काली का रूप धारण किया और उनको राक्षसों के मर्दन के लिए भेजा तो मां काली को राक्षसों पर इतना क्रोध आ गया की वो इस पूरी पृथ्वी से दानवों को खत्म कर देना चाहती थी.यह देखकर सभी देवी देवता चिंतित हो गए. और फिर भगवान शंकर महाकाली के सामने जाकर लेट गए. माता काली अत्यंत क्रोध में राक्षसों को मानने के लिए आगे बढ़ी जा रही थी. उन्होंने नहीं देखा कि उनका पांव भगवान शंकर पर पड़ गया. पर जब उनका ध्यान गया तो उनका क्रोध शांत हो गया. क्योंकि उनसे बहुत बड़ी भूल हो गई थी. उन्होंने अपने पति पर पांव रख दिया था.दोस्तों इस कथा से हम जान सकते हैं कि माता काली कितने क्रोध में थे. इसीलिए शास्त्रों का मत है कि हमें अपने घर में माता काली के क्रोध से भरी तस्वीर को अपने घर में नहीं लगाना चाहिए. अगर हम माता काली की तस्वीर अपने घर में लगाते हैं तो घर के लोगों के अंदर क्रोध बढ़ता है.दोस्तों आप कोशिश करें कि अपने घर में किसी भी देवी देवता की क्रोध वाली मुद्रा में कोई भी मूर्ति ना रखें. यदि क्रोध मुद्रा में देवी देवताओं की मूर्ति घर पर होगी तो बात बात पर गुस्सा उत्पन्न होगा और लड़ाई झगड़े होंगे इसलिए घर पर सिर्फ सौम्य मूर्तियों को रखें.3. शनि देव की मूर्तिदोस्तों शनि देव को सर्वोच्च ब्रह्मांड का सबसे बड़ा न्यायाधीश माना जाता है. लेकिन उनकी पत्नी के द्वारा दिए गए श्राप के कारण उनकी दृष्टि श्रापित है. शनि देव की पत्नी ने शनि देव को श्राप दिया था कि आपकी दृष्टि जिस किसी पर भी पड़ेगी उसका सर्वनाश हो जाएगा.शनि देव को घर में रखने से उनके दृष्टि हमारे घर के सभी सदस्यों पर पड़ती है जोकि एक शुभ संकेत नहीं है. ऐसा करने से आप की हानि हो सकती है. इसलिए शनि देव की मूर्ति घर पर रखना शुभ नहीं माना गया. तो अगर आपने अपने घर में शनि देव की मूर्ति रखी है तो आज ही उसे पास के किसी मंदिर में दान करें.4. भैरवनाथभैरवनाथ साक्षात भोलेनाथ के अवतार हैं. और भैरवनाथ जितनी भी तंत्र मंत्र की क्रियाएं हैं उन सब के स्वामी कहे जाते हैं. भैरव नाथ की पूजा करना हर इंसान के बस की बात नहीं है. क्योंकि भैरव नाथ की पूजा तंत्र मंत्र और त्याग से होती है.तांत्रिक लोग ही इनका विधि विधान से पूजन कर सकते हैं.हम सब लोग जिनको तंत्र मंत्र का ज्ञान नहीं है भैरव नाथ की पूजा नहीं कर सकते. इसलिए हमें भैरव नाथ की मूर्ति अपने घर के पूजा स्थल पर नहीं रखनी चाहिए. अगर आपके घर पर भैरव नाथ की मूर्ति रखी है तो उसे आज ही किसी मंदिर में जाकर दान करें.5. लक्ष्मी माता खड़ी मुद्रा मेंहर इंसान की यह कामना होती है कि लक्ष्मी उसके घर में निवास करे. लेकिन अगर आपके घर के पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी खड़ी मुद्रा में है तो यह धन के निवास करने के अच्छे संकेत नहीं है. धन आपके हाथों में ढहर नहीं पाएगा. आप उसे कहीं ना कहीं खर्च कर देंगे.इसलिए हमें हमेशा लक्ष्मी माता की बैठी मुद्रा में मूर्ति या फोटो लगानी चाहिए जिससे हमारे घर में धन संपत्ति का वास हो. आपके घर में अगर खड़ी लक्ष्मी जी की मूर्ति है तो आप उस मूर्ति को अपनी तिजोरी में रख सकते हैं या फिर किसी पास के मंदिर में दान कर सकते हैं.लक्ष्मी माता की मूर्ति के साथ आप गणेश और सरस्वती की भी मूर्ति रख सकते हैं. लेकिन ध्यान रखने योग्य बात यह है कि इन तीनों की मूर्तियां खड़ी मुद्रा में नहीं होनी चाहिए. इनकी खड़ी मुद्रा में मूर्ति रखने से घर में सुख समृद्धि का वास कभी नहीं होता. इसलिए लक्ष्मी गणेश और सरस्वती की मूर्ति एक साथ रखें और बैठी हुई मुद्रा में रखें.6. राहु या केतु की मूर्तिसमुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने राहु नाम के राक्षस को अपने सुदर्शन चक्र से दो हिस्सों में काट दिया था. जिस से सिर वाला हिस्सा राहु नाम से प्रचलित हुआ और बचा अन्य भाग का नाम केतु हुआ.शास्त्रों में राहु और केतु को नौ ग्रहों में स्थान प्राप्त है. पर यह दोनों ग्रह सौम्य में नहीं माने जाते इसलिए इनकी पूजा घर पर करना शुभ नहीं होता.अगर आप नौ ग्रहों के यंत्र की स्थापना कर रहे हैं तब आप उस पर राहु केतु की पूजा कर सकते हैं.लेकिन अकेले राहु या केतु की मूर्ति की पूजा करना शुभ नहीं माना गया.इसलिए घर के पूजा स्थल पर कभी भी इन दोनों की मूर्तियां ना रखें.7. एक देवता की एक ही मूर्ति रखेंशास्त्रों में एक देवता की एक ही मूर्ति रख कर पूजा करने के अनेकों महत्व बताए गए हैं. शास्त्र अनुसार नीचे कुछ बातें दी गई हैं जिनका मूर्ति स्थापना करते समय हमें ध्यान देना चाहिए.घर पर दो शिवलिंग कभी भी नहीं होने चाहिए.गणेश भगवान की तीन मूर्तियां नहीं होनी चाहिए.दो शंख नहीं रखनी चाहिए.दो सूर्य की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए.दो शालिग्राम की पूजा घर पर नहीं करनी चाहिए.अब कई लोग सोच रहे होंगे की इसका मतलब क्या दो मूर्तियां रख सकते हैं. दोस्तों मेरा सुझाव है कि आप हर देवता की सिर्फ एक मूर्ति रखें और सच्चे मन से उनकी आराधना करें.दोस्तों अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें. और अगर आप कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपने सुझाव जरूर दें.

घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए?


 By वनिता कासनियां पंजाब 


हर इंसान के घर में एक पूजा स्थल या छोटा सा मंदिर होता है. जहां लोग कुछ देर बैठकर भगवान की आराधना करते हैं. लेकिन लोगों के मन में अलग-अलग प्रकार के सवाल उठते हैं जैसे की उन्हें अपने घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए? या ऐसे कौन से देवता हैं जिनकी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में 33 कोटि के देवता होते हैं. तो हमें इनमें से कितने देवी देवताओं को अपने घर के मंदिर में रखना चाहिए. और इनमें से कितनों की पूजा करनी चाहिए. यह सब सवाल हमारे मन में उठते रहते हैं. तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इन सभी सवालों के उत्तर देंगे.

कई लोग अपने घर के मंदिर में एक भगवान की अनेक मूर्तियां रखते हैं. आपने भी ऐसा अनेकों जगह देखा होगा. और कुछ लोग अपने घर के मंदिर में देवी देवताओं का झुंड बनाकर रखते हैं. कहने का तात्पर्य है की इंसान जहां देवताओं की पूजा करता है वहां मूर्तियों का या तस्वीरों का भंडार लाकर रख देता है.

दोस्तों मेरा सवाल आपसे यह है कि क्या यही सही तरीका है? इसका उत्तर हमें इस बात से मिलेगा कि हम पूजा क्यों करते हैं.


दोस्तों हम पूजा अपना ध्यान एकाग्र चित्त करके भगवान की आराधना करने के लिए करते हैं. अब अगर हम मंदिर में जाएंगे और हमारे सामने अनेकों तस्वीरें और मूर्तियां रखी होंगी तो हम क्या किसी देवता का ध्यान कर पाएंगे.


हम एक प्रतिमा का कुछ देर ध्यान कर सकते हैं पर उससे ज्यादा नहीं क्योंकि जैसे ही हमारी आंख खुलेगी हम किसी दूसरी प्रतिमा की तरफ देखेंगे और हमारा ध्यान उस प्रतिमा की ओर चला जाएगा.


दोस्तों हम पूजा इसलिए नहीं करते कि अपना ध्यान एक भगवान से दूसरे भगवान की ओर ले जाएं. बल्कि इसलिए करते हैं की हम किसी भी देवता की आराधना सच्चे और एकाग्र चित्त मन से कर सकें.

इसका अर्थ यह नहीं कि हमें अपने घर में सिर्फ एक ही देवता की पूजा करनी चाहिए. दोस्तों आपको बता दूं कि शास्त्रों में 5 देवता को अपने घर  के मंदिर में रखने के लिए बताया गया है.

घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए?

जैसा कि मैंने अभी बताया घर में बहुत सारी मूर्तियों का भंडार नहीं रखना चाहिए. आप अपने इष्ट देवता को मध्य में रखकर सभी देवताओं को आजू-बाजू में रख सकते हैं. ताकि आप जब कभी भी ध्यान करें तो आपका ध्यान एकाग्र चित्त रहें.

ghar ke mandir mein kaun se bhagwan rakhna chahiye
ghar ke mandir mein kaun se bhagwan rakhna chahiye

अगर आप शैव संप्रदाय के हैं तो आप भगवान शंकर को मध्य रखकर पूजा कर सकते हैं. अगर गणपति संप्रदाय के हैं तो आप गणेश भगवान को मध्य रखकर पूजा अर्चना कर सकते हैं. अगर आप देवी संप्रदाय के हैं तो फिर आप देवी को मध्य में रखकर ध्यान करें.

मैं आपको उन सभी देवताओं की मूर्ति घर के मंदिर में रखने के लिए बताऊंगा जिनके दर्शन मात्र से ही हमारे जन्मों के पाप मिट जाते हैं.

1. भगवान सूर्य

वैसे तो भगवान सूर्य की घर पर कोई प्रतिमा रखी नहीं जाती. इनकी पूजा अक्सर लोग इनको आकाश में देखकर ही करते हैं. और ऐसा करना ही शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. पर फिर भी अगर आप भगवान सूर्य कि कोई प्रतिमा अपने घर में रखना चाहते हैं तो आप तांबे के सूर्य भगवान को अपने घर पर रख सकते हैं.

दोस्तों शास्त्रों के अनुसार हमें भगवान सूर्य की पूजा साक्षात उनके दर्शन करके ही करनी चाहिए. भगवान सूर्य की प्रतिमा रखकर उनकी पूजा करने से उतने उत्तम फल प्राप्त नहीं होते जितने साक्षात उनके दर्शन करके पूजा करने से होते है .

2. गणेश भगवान

दोस्तों हम सब जानते हैं कि गणेश भगवान को भोलेनाथ शंकर से यह आशीर्वाद प्राप्त है की उनकी पूजा सभी देवी देवताओं से पहले होगी. तो जब कहीं भी बात मंदिर में प्रतिमा रखने की आती है तो सबसे पहले गणेश भगवान का नाम आता है.

दोस्तों अगर आप घर में मंदिर स्थापित करना चाहते हैं तो आपको गणेश भगवान की मूर्ति जरूर रखनी चाहिए. बस इतना ध्यान रखिए की उनकी मूर्ति बैठी मुद्रा में हो. और उनकी सुंड़ बांई और मुड़ी हुई हो जिसमें लड्डू लगा हुआ होना चाहिए. ऐसा करने से आपके घर में सुख शांति का वास रहेगा. और आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी.

दोस्तों  मैंने ऐसा अनेक लोगों के घर में देखा है कि लोग गणेश भगवान की तीन तीन मूर्तियां रखते हैं. यह शास्त्रों में सख्त वर्जित है. हमें सभी देवी देवताओं की एक ही प्रतिमा रखनी चाहिए और  उनकी सच्चे मनसे आराधना करनी चाहिए.

3. भगवान विष्णु

शास्त्रों के अनुसार इस पृथ्वी के रचयिता है ब्रह्म देव , संहारक हैं भगवान शंकर और जो पालनहार हैं वह है भगवान विष्णु. इसलिए भगवान विष्णु की पूजा हमें सदैव करना चाहिए. इसलिए हमें अपने घर में भगवान विष्णु की मूर्ति अवश्य रखनी चाहिए.

भगवान विष्णु की पूजा पीले वस्त्र पहनकर और हल्दी लगाकर करें. विष्णु भगवान की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. जीवन की कठिनाइयां जैसे संतान की प्राप्ति, पैसे की तंगी या और भी समस्याएं सभी दूर हो जाती हैं.

इसलिए हमें विष्णु भगवान की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए. मन में किसी भी प्रकार का छल और लालच नहीं होना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु बहुत दयालु हैं .वे सब पर कृपा करते हैं. बस भक्त उनकी सच्चे मन से आराधना करें.

4. भगवान शंकर

भगवान शंकर को देवों के देव महादेव कहा गया है. इन्हें तीनों लोकों का स्वामी कहा गया है.इसी लिए महादेव की पूजा करना भी अनिवार्य है. इसलिए हमें अपने घर के मंदिर में भगवान शंकर की प्रतिमा रखना चाहिए. और उसकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए.

भोलेनाथ की केवल एक ही प्रतिमा रखें. घर के मंदिर में एक से ज्यादा प्रतिमाएं रखकर पूजा नहीं करना चाहिए. भगवान शंकर की आराधना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है.सभी समस्याए खत्म होती है.

5. माँ पार्वती

पार्वती माता को उमा और गौरी भी कहा जाता है.शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती को मातृत्व , शक्ति , प्रेम सौंदर्य, विवाह, और संतान की देवी कहा जाता है. इसलिए इनकी पूजा हर घर में होनी चाहिए. पुराणों के अनुसार माता पार्वती को भगवान बृष्णू की बहन और शिव शक्ति का अवतार माना गया है.

माता पार्वती देविओं का सौम्य रूप है इसलिए इनकी प्रतिमा हमें अपने घर के मंदिर में अवश्य रखनी चाहिए. माता पार्वती की पूजा करने से अपने जीवन साथी की उम्र बढ़ती है ,घर में शुख समृद्धि आती है, संतान की प्राप्ति होती है, और वैवाहिक जीवन सुखद गुजरता है.

ऊपर दिए गए देवी देवताओं की प्रतिमा हमें अपने घर में अवश्य रखनी चाहिए. कई लोगों के मन में सवाल होगा देवी देवताओं के तस्वीरों और कैलेंडरों के बारे में.

क्या हमें अपने घर में देवी देवताओं की तस्वीरें और कैलेंडर लगाने चाहिए?

दोस्तों शास्त्रों में प्रतिमाओं के बारे में कई बातें कहीं गई है. जैसे पंच देव उपासना या प्राण प्रतिष्ठा जैसा कि मैंने आपको अभी ऊपर बताया. लेकिन तस्वीरों के बारे में शास्त्र कोई भी पाबंदी नहीं लगाता. हम कई प्रकार की तस्वीरें अपने घर में लगा सकते हैं.

1. श्री कृष्ण की बाल अवस्था की तस्वीर

भगवान श्री कृष्ण के बचपन की तस्वीर घर में लगाने से और उनके दर्शन करने से हमारे घर में सुख , शांति और समृद्धि आती है.

2. श्री राधा कृष्ण का युगल स्वरूप

हमें राधा कृष्ण के युगल स्वरूप की तस्वीर अपने घर में जरूर लगानी चाहिए.

3. राम दरबार की तस्वीर

अगर आप अपने पारिवारिक सदस्यों में प्रेम और अपनेपन की कमी नहीं देखना चाहते तो अपने घर के ड्राइंग रूम में राम दरबार की तस्वीर लगाएं. जिसमें राम और सीता बैठे हो और उनके इर्द-गिर्द उनके सभी भाई हनुमान के साथ उनकी ओर हाथ जोड़कर खड़े हों.

4. गणपति की तस्वीर

आप गणेश भगवान की तस्वीर भी अपने घर पर लगा सकते हैं बस इतना ध्यान रखें कि उस तस्वीर में उनकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए जिसमें लड्डू भी हो. गणेश भगवान की तस्वीर में मोदक और चूहा जरूर होना चाहिए.

अगर आप गणपति की तस्वीर अपने घर पर लगा रहे हैं तो वह बैठी मुद्रा में हों और अगर आप अपने व्यवसायिक स्थल पर उनकी तस्वीर लगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि वह खड़ी मुद्रा में हो.

5. माता लक्ष्मी की तस्वीर

हमें अपने घर में माता लक्ष्मी जी की तस्वीर लगानी चाहिए. जिससे हमारे घर में धन की समस्या कभी नहीं होती है.

6. कुबेर यंत्र की स्थापना

कई ज्ञानियों के मतानुसार हमें अपने घर में कुबेर यंत्र की स्थापना करनी चाहिए. और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उस यंत्र की सच्चे मन से आराधना करनी चाहिए. मुझसे हमारे व्यापार में बहुत अधिक उन्नति होती है और धन की समस्या भी कभी नहीं होती है.

इन सारी तस्वीरों को अपने घर में लगा सकते हैं और देवताओं के दर्शन नियमित तौर पर कर सकते हैं.

घर में कौन कौन से देवी देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए?

अब हम बात करते हैं कि हमें अपने घर में कौन कौन से देवी देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए. दोस्तों ऐसे भी कई देवता है जिनकी घर में मूर्ति रखने से अशांति और कई प्रकार की समस्याएं आती है.

दोस्तों हमारे पूजा कर सकारात्मकता का प्रतीक है. हम सुबह स्नान करके पूजा करते हैं ताकि हमारी शरीर सकारात्मकता से भर जाए. और हम भरपूर एनर्जी के साथ दिन का पूरा काम कर सकें.

जब कभी भी अपने घर में मूर्ति या तस्वीर लगाने की सोचे तो नीचे दिए गए देवी देवताओं की तस्वीर या मूर्ति कभी भी ना लगाएं. और अगर आपके घर में यह मूर्तियां हैं तो इन्हें तुरंत जाकर किसी मंदिर में दान करें.

1. नटराज शंकर की मूर्ति

नटराज का अर्थ होता है नृत्य करते हुए. दोस्तों भगवान शंकर नृत्य तभी करते थे जब वो अत्यधिक क्रोध में आ जाते थे. इसलिए घर पर भगवान शंकर की तांडव करते हुए मूर्ति रखना या कोई तस्वीर लगाना बहुत शुभ नहीं माना जाता.

ऐसी तस्वीर घर पर लगाने से या मूर्ति रख कर पूजा करने से घर में लड़ाई झगड़े होते रहते हैं. परिवार के सदस्यों के बीच में मनमुटाव हो सकता है. मन में शांति बहुत कम रहती है. इसलिए अगर आपके घर पर भगवान नटराज शंकर की मूर्ति रखी है तो आप उसे तुरंत वहां से हटाकर किसी मंदिर में दान कर दें.

2. माता महाकाली की


माता महाकाली का जो स्वरूप है, वह देवियों का विध्वनशक रूप है. इसी रूप में माता काली ने न जाने कितने राक्षसों का वध किया था. मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार करने के लिए ही महाकाली का रूप धारण किया था.

माता काली का क्रोध अपार है. उनके क्रोध को आसानी से शांत नहीं किया जा सकता है. हमारे शास्त्रों में वर्णित एक कथा अनुसार जब मां दुर्गा ने मां काली का रूप धारण किया और उनको राक्षसों के मर्दन के लिए भेजा तो मां काली को राक्षसों पर इतना क्रोध आ गया की वो इस पूरी पृथ्वी से दानवों को खत्म कर देना चाहती थी.

यह देखकर सभी देवी देवता चिंतित हो गए. और फिर भगवान शंकर महाकाली के सामने जाकर लेट गए. माता काली अत्यंत क्रोध में राक्षसों को मानने के लिए आगे बढ़ी जा रही थी. उन्होंने नहीं देखा कि उनका पांव भगवान शंकर पर पड़ गया. पर जब उनका ध्यान गया तो उनका क्रोध शांत हो गया. क्योंकि उनसे बहुत बड़ी भूल हो गई थी. उन्होंने अपने पति पर पांव रख दिया था.

दोस्तों इस कथा से हम जान सकते हैं कि माता काली कितने क्रोध में थे. इसीलिए शास्त्रों का मत है कि हमें अपने घर में माता काली के क्रोध से भरी तस्वीर को अपने घर में नहीं लगाना चाहिए. अगर हम माता काली की तस्वीर अपने घर में लगाते हैं तो घर के लोगों के अंदर क्रोध बढ़ता है.

दोस्तों आप कोशिश करें कि अपने घर में किसी भी देवी देवता की क्रोध वाली मुद्रा में कोई भी मूर्ति ना रखें. यदि क्रोध मुद्रा में देवी देवताओं की मूर्ति घर पर होगी तो बात बात पर गुस्सा उत्पन्न होगा और लड़ाई झगड़े होंगे इसलिए घर पर सिर्फ सौम्य मूर्तियों को रखें.

3. शनि देव की मूर्ति

दोस्तों शनि देव को सर्वोच्च ब्रह्मांड का सबसे बड़ा न्यायाधीश माना जाता है. लेकिन उनकी पत्नी के द्वारा दिए गए श्राप के कारण उनकी दृष्टि श्रापित है. शनि देव की पत्नी ने शनि देव को श्राप दिया था कि आपकी दृष्टि जिस किसी पर भी पड़ेगी उसका सर्वनाश हो जाएगा.

शनि देव को घर में रखने से उनके दृष्टि हमारे घर के सभी सदस्यों पर पड़ती है जोकि एक शुभ संकेत नहीं है. ऐसा करने से आप की हानि हो सकती है. इसलिए शनि देव की मूर्ति घर पर रखना शुभ नहीं माना गया. तो अगर आपने अपने घर में शनि देव की मूर्ति रखी है तो आज ही उसे पास के किसी मंदिर में दान करें.

4. भैरवनाथ

भैरवनाथ साक्षात भोलेनाथ के अवतार हैं. और भैरवनाथ जितनी भी तंत्र मंत्र की क्रियाएं हैं उन सब के स्वामी कहे जाते हैं. भैरव नाथ की पूजा करना हर इंसान के बस की बात नहीं है. क्योंकि भैरव नाथ की पूजा तंत्र मंत्र और त्याग से होती है.

तांत्रिक लोग ही इनका विधि विधान से पूजन कर सकते हैं.हम सब लोग जिनको तंत्र मंत्र का ज्ञान नहीं है भैरव नाथ की पूजा नहीं कर सकते. इसलिए हमें भैरव नाथ की मूर्ति अपने घर के पूजा स्थल पर नहीं रखनी चाहिए. अगर आपके घर पर भैरव नाथ की मूर्ति रखी है तो उसे आज ही किसी मंदिर में जाकर दान करें.

5. लक्ष्मी माता खड़ी मुद्रा में

हर इंसान की यह कामना होती है कि लक्ष्मी उसके घर में निवास करे. लेकिन अगर आपके घर के पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी खड़ी मुद्रा में है तो यह धन के निवास करने के अच्छे संकेत नहीं है. धन आपके हाथों में ढहर नहीं पाएगा. आप उसे कहीं ना कहीं खर्च कर देंगे.

इसलिए हमें हमेशा लक्ष्मी माता की बैठी मुद्रा में मूर्ति या फोटो लगानी चाहिए जिससे हमारे घर में धन संपत्ति का वास हो. आपके घर में अगर खड़ी लक्ष्मी जी की मूर्ति है तो आप उस मूर्ति को अपनी तिजोरी में रख सकते हैं या फिर किसी पास के मंदिर में दान कर सकते हैं.

लक्ष्मी माता की मूर्ति के साथ आप गणेश और सरस्वती की भी मूर्ति रख सकते हैं. लेकिन ध्यान रखने योग्य बात यह है कि इन तीनों की मूर्तियां खड़ी मुद्रा में नहीं होनी चाहिए. इनकी खड़ी मुद्रा में मूर्ति रखने से घर में सुख समृद्धि का वास कभी नहीं होता. इसलिए लक्ष्मी गणेश और सरस्वती की मूर्ति एक साथ रखें और बैठी हुई मुद्रा में रखें.

6. राहु या केतु की मूर्ति

समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने राहु नाम के राक्षस को अपने सुदर्शन चक्र से दो हिस्सों में काट दिया था. जिस से सिर वाला हिस्सा राहु नाम से प्रचलित हुआ और बचा अन्य भाग का नाम केतु हुआ.

शास्त्रों में राहु और केतु को नौ ग्रहों में स्थान प्राप्त है. पर यह दोनों ग्रह सौम्य में नहीं माने जाते इसलिए इनकी पूजा घर पर करना शुभ नहीं होता.अगर आप नौ ग्रहों के यंत्र की स्थापना कर रहे हैं तब आप उस पर राहु केतु की पूजा कर सकते हैं.

लेकिन अकेले राहु या केतु की मूर्ति की पूजा करना शुभ नहीं माना गया.इसलिए घर के पूजा स्थल पर कभी भी इन दोनों की मूर्तियां ना रखें.

7. एक देवता की एक ही मूर्ति रखें

शास्त्रों में एक देवता की एक ही मूर्ति रख कर पूजा करने के अनेकों महत्व बताए गए हैं. शास्त्र अनुसार नीचे कुछ बातें दी गई हैं जिनका मूर्ति स्थापना करते समय हमें ध्यान देना चाहिए.

  • घर पर दो शिवलिंग कभी भी नहीं होने चाहिए.
  • गणेश भगवान की तीन मूर्तियां नहीं होनी चाहिए.
  • दो शंख नहीं रखनी चाहिए.
  • दो सूर्य की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए.
  • दो शालिग्राम की पूजा घर पर नहीं करनी चाहिए.

अब कई लोग सोच रहे होंगे की इसका मतलब क्या दो मूर्तियां रख सकते हैं. दोस्तों मेरा सुझाव है कि आप हर देवता की सिर्फ एक मूर्ति रखें और सच्चे मन से उनकी आराधना करें.

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, नव उमंग व नई ऊर्जा के प्रतीक बसंत पंचमी के पावन पर्व की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। विद्या की देवी मां सरस्वती सबके जीवन में ज्ञान, समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें, ऐसी कामना करती हूँ।

Hearty greetings to all the countrymen of the holy festival of Basant Panchami, a symbol of new zeal and new energy. Mother Goddess Saraswati wishes to provide knowledge, prosperity and good health in everyone's life.

, वास्तु में घर, कार्यस्थल हर जगह पर निर्माण और सामान रखने से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए हैं। वास्तु के अनुसार घर में किसी भी चीज का निर्माण करते समय दिशाओं का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इसी तरह से सीढ़ियों को तरक्की से जोड़कर देखा जाता है। वास्तु के अनुसार यदि सीढ़ियों की दिशा सही नहीं है तो व्यापार में नुकसान, आर्थिक तंगी और तरक्की में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। गलत तरह और गलत दिशा में बनी हुआ सीढ़ियों का बुरा प्रभाव घर के मुखिया पर पड़ता है। सीढ़ियों का निर्माण यदि वास्तु की बातों को ध्यान में रखकर किया जाए तो तरक्की और आर्थिक समृद्धि पाई जा सकती है। तो चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार कैसी होना चाहिए आपके घर की सीढ़ियां।वास्तु के अनुसार घर में सीढ़ियां हमेशा दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण करने के लिए यह दिशाएं बहुत अच्छी रहती है।वास्तु में सीढ़ियों के निर्माण के लिए उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण को बिलकुल भी उचित नहीं माना गया है। घर के ईशान कोण में सीढ़ियां भूलकर भी नहीं बनानी चाहिए। इस दिशा में सीढ़ियों का निर्माण होने से वास्तु दोष लगता है जिसके कारण आपको आर्थिक तंगी, नौकरी और व्यवसाय में हानि का सामना करना पड़ सकता है। आपकी उन्नति में बाधाएं आती हैं।सीढ़ी में यदि किसी प्रकार का दोष है तो पिरामिड या फिर सीढ़ियां ईशान, उत्तर दिशा में बनी हुई हैं तो पिरामिड के द्वारा उसे संतुलित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वास्तु विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

Vastu has important guidelines related to construction and furnishings everywhere in the home, workplace. According to Vastu, it is very important to take care of directions while constructing anything in the house, otherwise you may face problems. By philanthropist Vanita Kasani Punjab, this is seen by connecting the stairs to the elevation. According to Vastu, if the direction of the stairs is not right then there may be loss in business, financial tightness and obstacles in progress. The stairs in the wrong way and in the wrong direction have a bad effect on the head of the household. If the stairs are constructed keeping in mind the things of Vastu, then progress and economic prosperity can be found. So let us know what should be the steps of your house according to Vastu.  According to Vastu, stairs should always be constructed in the south, west or south west corner of the house. According to Vastu, these directions are very good for constructing stairs.  The nort...