Skip to main content

वास्तु घर की किस्मत बदलने के चमत्कारिक टोटके बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब वनिता कासनियां पंजाब ईश्वर सर्व शक्तिमान है। ग्रह-नक्षत्र और देवी-देवता सभी उसके अधीन है। ईश्वर के बाद ईश्वर की प्रकृति महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार प्रकृति ने रोग, शोक या अन्य घटना, दुर्घटना को प्रदान किया उसी प्रकार उसने उक्त सभी से बचने के उपाय भी दिए हैं। प्रकृति में ही है वह उपाय जिससे आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा का विकास कर अपने भाग्य को जागृत कर सकते हैं। यदि आप भाग्यशाली हैं लेकिन आपका घर दुर्भाग्य पैदा कर रहा है तो कैसे तालमेल संभव होगा?जरूरी नियम : सबसे पहले घर का सही जगह और सही दिशा में होना जरूरी है। प्राचीनकाल में घर के वास्तु का बहुत ध्यान रखा जाता था। यदि वास्तु सही है तो आपके ग्रह-नक्षत्र भी सही रहेंगे और आपका भाग्य और चमक जाएगा। जो लोग वास्तु विज्ञान पर विश्वास नहीं करते हैं उनको कुछ समय के लिए आग्नेय कोण के मकान में और कुछ समय के लिए ईशान कोण के मकान में रहना चाहिए। फर्क समझ में आ जाएगा।10 दरवाजे बताएंगे आपका भविष्य...कैसा हो हिन्दू घर, जानिए 10 नियम... आपके घर की किस्मत बदलेंगे तो आपकी किस्मत खुद-ब-खुद चमक जाएगी। यदि संकट से मुक्ति, धन, समृद्धि, खुशी, शांति और तरक्की चाहते हैं तो हमारे बताए उपाय करें। आपकी किस्मत बदल जाएगी। पहला चमत्कारिक टोटका...घर हो वास्तु अनुसार : घर का द्वार पूर्व, ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा में से किसी एक में होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो किसी वास्तुशास्त्री से सलाह लें। मुख्य द्वार की दिशा ही घर को शुभ या अशुभ नहीं बनाती। किसी भी वास्तु विचार के लिए जल, अग्नि एवं वायु का ध्यान रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि घर का समस्त वास्तु ठीक व नियम के अनुसार हो, तो सिर्फ दिशा का महत्व कम हो जाता है। हां! खराब समय में दक्षिण मुखी घर ज्यादा कष्ट दे सकता है। यदि आपका घर आग्नेय, दक्षिण या नैऋत्य दिशा में है तो यह उपाय करें।*दक्षिण दिशा के लिए : द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस प्रकार लगाएं जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में बने। इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक उर्जा पलटकर वापस चली जाती है। द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है। मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता। सभी दिशाओं के लिए : दरवाजे के ऊपर भगवान गणेश का चित्र और दाएं-बाएं स्वस्तिक के साथ लाभ-शुभ लिखा हो। दरवाजे के उपर वंदनवार लगाएं। दरवाजा जितना सुंदर, मजबूत और अच्छा होगा उतना उत्तम होगा। घर के अंदर आग्नेय कोण में किचन, ईशान में प्रार्थना-ध्यान का कक्ष हो, नैऋत्य कोण में शौचालय, दक्षिण में भारी सामान रखने का स्थान आदि हो। अगले पन्ने पर दूसरा चमत्कारिक उपाय.. घर का फर्श : घर का फर्श बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें किस तरह की टाइल्स लगाएं और किस रंग की लगाएं यह जरूरी है। ऐसी टाइल्स न लगाएं जो गर्मी के लिए तो उत्तम हो लेकिन ठंड में अत्यधिक ठंडी हो। फर्श वास्तु अनुसार होना चाहिए। घर में फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के संगमरमर का उपयोग श्रेष्ठ माना जाता है। संगमरमर नहीं लगा रहे हैं तो पीले, लाल, गेरुएं रंग की सेरेमिक, विनाइल और वुडन टाइल्स भी श्रेष्ठ है। यदि ऐसा नहीं हो तो क्या करें...*हर रूप के लिए अलग-अलग रंगों का सुंदर सा करपेट लाएं और उसे बिछाएं। उस कारपेट की प्रतिदिन अच्छे से साफ रखें। *सप्ताह में एक बार समुद्री नमक को पानी में घोलकर फर्श पर उसका पोछा लगाएं।*घर के प्रत्येक रूप के मध्य में मांडना मांडे। घर के द्वार के बाहर रंगोली बनाए। रंगोली या मांडना हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति की समृद्धि के प्रतीक हैं। इससे घर परिवार में मंगल रहता है। * आपके घर में किसी कमरे, किचन या अन्य किसी स्थान की टाइल्स टूटी हुई है तो उसे जल्दी ठीक कराना चाहिए, क्योंकि टूटी टाइल भी वास्तुशास्त्र के हिसाब से ठीक नहीं मानी जाती। अगले पन्ने पर तीसरा चमत्कारिक टोटका... अनावश्यक वस्तुओं को करें घर से बाहर : घर के भीतर अनावश्यक वस्तुएं नहीं रखें। जैसे बंद पड़ी घड़ी, खराब टीवी, रद्दी, सेल, टूटे ‍पेन, कचरे, फालतू के चप्पल जूते की थैली आदि।घर का अटाला जहां नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है, वहीं घर में रखे गमले के पौधे भी आपके जीवन को संकट में डाल सकते हैं यदि वे कांटेदार या नकारात्मक ऊर्जा वाले हैं तो। उसी तरह यदि घर में लौह तत्व की अधिकता है, तब भी जीवन संघर्षमय बन सकता है। अगले पन्ने पर चौथा चमत्कारिक टोटका... पूजा घर हो कैसा : घर में ढेर सारे देवी और देवताओं के चित्र या मूर्तियां न रखें। इससे वास्तुदोष निर्मित होगा और आपका मन भी भटकेगा। छोटा सा पूजाघर हो जिसमें एक शिवलिंग, एक शालिग्राम, गणेशजी, दुर्गा, राम और कृष्‍ण की छोटी-छोटी एक पीतल की मूर्ति, एक गरुढ़ घंटी हो बस। भगवान के चित्रों में राधाकृष्ण का चित्र शयनकक्ष में, राम दरबार का चित्र बैठक रूम में लगा सकते हैं। वास्तु के अनुसार भगवान के लिए उत्तर-पूर्व की दिशा श्रेष्ठ रहती है। इस दिशा में पूजाघर स्थापित करें। यदि पूजाघर किसी ओर दिशा में हो तो पानी पीते समय मुंह ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखें। पूजाघर के ऊपर या नीचे की मंजिल पर शौचालय या रसोईघर नहीं होना चाहिए, न ही इनसे सटा हुआ। सीढ़ियों के नीचे पूजा का कमरा बिलकुल नहीं बनवाना चाहिए। यह हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए, तहखाने में नहीं। पूजा का कमरा खुला और बड़ा बनवाना चाहिए। अगले पन्ने पर पांचवां चमत्कारिक टोटका... ईशान कोण को सुंदर और साफ रखें : घर का ईशान कोण हमेशा खाली रखें या उसे जल का स्थान बनाएं। यहां पूजा घर भी बना सकते हैं। यहां पर मछलीघर भी रख सकते हैं। यहां पर सुंदर फूलों से सजा गमला भी रख सकते हैं। अगले पन्ने पर छठा चमत्कारिक टोटका... घर का वातावरण हो सुगंधित : घर में मधुर सुगंध और संगीत से वातावरण को अच्छा बनाएं। रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें। घर में गुग्गल का ही धुंआ करें लोबान का नहीं। अगरबत्ती जलाकर सुगंधित वातावरण न करें। अगरबत्ती बांस से बनी होती है। बांस जलने से दुर्भाग्य निर्मित होता है। अगले पन्ने पर सातवां चमत्कारिक टोटका... घर की छत : 9.घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान ना रखें। घर की छत पर बांस या किसी भी प्रकार का अटाला न रखे। छत को साफ सुधरा रखें। अगले पन्ने पर आठवां चमत्कारिक टोटका... घर का ध्वज : घर के उपर वायव्य कोण में स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ केसरिया ध्वज लगाकर रखें। इससे यश, कीर्ति और विजय मिलती है। ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर की सुख व समृद्धि बढ़ती है। अगले पन्ने पर नौवां चमत्कारिक टोटका... घर में रखें ये वस्तुएं: भाग्यवर्धक वस्तुएं:-घर में पवित्र और ऊर्जावान वस्तुएं रखने से घर के सदस्यों के दिमाग भी शांत और प्रगतिशील रहते हैं। घर में ऐसी कोई नकारात्मक वस्तु नहीं होना चाहिए, जो घर की शांति भंग करे। घर में रखें ये वस्तुएं और जीवन को सुखमय बनाएं 1. रुद्राक्ष, 2.शंख, 3.घंटी, 4.स्वस्तिक का चिह्न, 5.ऊं का लॉकेट, 6.कलश, 7.गंगाजल, 8.मौली (कलाई पर बंधने वाला नाड़ा), 9.कमल गट्टे, तुलसी या रुद्राक्ष की माला, 10. दीवार पर लगा प्रकृति का चित्र या हंसमुख परिवार का चित्र और 11. अधिक से अधिक पीतल और तांबे के बर्तन। अगले पन्ने पर दसवां चमत्कारिक टोटका... हिंदू धर्म का वृक्ष से गहरा नाता है। हिंदू धर्म को वृक्षों का धर्म कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि हिंदू धर्म में वृक्षों का जो महत्व है वह किसी अन्य धर्म में शायद ही मिले। इस ब्रह्मांड को उल्टे वृक्ष की संज्ञा दी है। पहले यह ब्रह्मांड बीज रूप में था और अब यह वृक्ष रूप में दिखाई देता है। प्रलय काल में यह पुन: बीज रूप में हो जाएगा।हिंदू धर्म के 10 पवित्र वृक्ष, जानिए उनका रहस्यहिन्दू धर्म में वृक्ष पूजा क्यों की जाती है? घर के आसपास हो भाग्यवर्धक पौधे :- 1. केला, 2.तुलसी, 3.मनी प्लांट, 4.अनार, 5.पीपल, 6.बड़, 7.आम, 8.जामफल, 9.कड़ी पत्ता और 10.नीम


ईश्वर सर्वशक्तिमान है। ग्रह-नक्षत्र और देवी-देवता सभी उसके अधीन है। ईश्वर के बाद ईश्वर की प्रकृति महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार प्रकृति ने रोग, शोक या अन्य घटना, दुर्घटना को प्रदान किया उसी प्रकार उसने उक्त सभी से बचने के उपाय भी दिए हैं। प्रकृति में ही है वह उपाय जिससे आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा का विकास कर अपने भाग्य को जागृत कर सकते हैं। यदि आप भाग्यशाली हैं लेकिन आपका घर दुर्भाग्य पैदा कर रहा है तो कैसे तालमेल संभव होगा?
जरूरी नियम : सबसे पहले घर का सही जगह और सही दिशा में होना जरूरी है। प्राचीनकाल में घर के वास्तु का बहुत ध्यान रखा जाता था। यदि वास्तु सही है तो आपके ग्रह-नक्षत्र भी सही रहेंगे और आपका भाग्य और चमक जाएगा। जो लोग वास्तु विज्ञान पर विश्वास नहीं करते हैं उनको कुछ समय के लिए आग्नेय कोण के मकान में और कुछ समय के लिए ईशान कोण के मकान में रहना चाहिए। फर्क समझ में आ जाएगा।

 
आपके घर की किस्मत बदलेंगे तो आपकी किस्मत खुद-ब-खुद चमक जाएगी। यदि संकट से मुक्ति, धन, समृद्धि, खुशी, शांति और तरक्की चाहते हैं तो हमारे बताए उपाय करें। आपकी किस्मत बदल जाएगी।
 
पहला चमत्कारिक टोटका...

घर हो वास्तु अनुसार : घर का द्वार पूर्व, ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा में से किसी एक में होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो किसी वास्तुशास्त्री से सलाह लें। मुख्य द्वार की दिशा ही घर को शुभ या अशुभ नहीं बनाती। किसी भी वास्तु विचार के लिए जल, अग्नि एवं वायु का ध्यान रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि घर का समस्त वास्तु ठीक व नियम के अनुसार हो, तो सिर्फ दिशा का महत्व कम हो जाता है। हां! खराब समय में दक्षिण मुखी घर ज्यादा कष्ट दे सकता है। यदि आपका घर आग्नेय, दक्षिण या नैऋत्य दिशा में है तो यह उपाय करें।
*दक्षिण दिशा के लिए : द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस प्रकार लगाएं जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में बने। इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक उर्जा पलटकर वापस चली जाती है। द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है। मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता।
 
सभी दिशाओं के लिए : दरवाजे के ऊपर भगवान गणेश का चित्र और दाएं-बाएं स्वस्तिक के साथ लाभ-शुभ लिखा हो। दरवाजे के उपर वंदनवार लगाएं। दरवाजा जितना सुंदर, मजबूत और अच्छा होगा उतना उत्तम होगा। घर के अंदर आग्नेय कोण में किचन, ईशान में प्रार्थना-ध्यान का कक्ष हो, नैऋत्य कोण में शौचालय, दक्षिण में भारी सामान रखने का स्थान आदि हो।
 
अगले पन्ने पर दूसरा चमत्कारिक उपाय..
 

घर का फर्श : घर का फर्श बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें किस तरह की टाइल्स लगाएं और किस रंग की लगाएं यह जरूरी है। ऐसी टाइल्स न लगाएं जो गर्मी के लिए तो उत्तम हो लेकिन ठंड में अत्यधिक ठंडी हो। फर्श वास्तु अनुसार होना चाहिए। घर में फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के संगमरमर का उपयोग श्रेष्ठ माना जाता है। संगमरमर नहीं लगा रहे हैं तो पीले, लाल, गेरुएं रंग की सेरेमिक, विनाइल और वुडन टाइल्स भी श्रेष्ठ है। यदि ऐसा नहीं हो तो क्या करें...
*हर रूप के लिए अलग-अलग रंगों का सुंदर सा करपेट लाएं और उसे बिछाएं। उस कारपेट की प्रतिदिन अच्छे से साफ रखें।
 
*सप्ताह में एक बार समुद्री नमक को पानी में घोलकर फर्श पर उसका पोछा लगाएं।
*घर के प्रत्येक रूप के मध्य में मांडना मांडे। घर के द्वार के बाहर रंगोली बनाए। रंगोली या मांडना हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति की समृद्धि के प्रतीक हैं। इससे घर परिवार में मंगल रहता है।
 
* आपके घर में किसी कमरे, किचन या अन्य किसी स्थान की टाइल्स टूटी हुई है तो उसे जल्दी ठीक कराना चाहिए, क्योंकि टूटी टाइल भी वास्तुशास्त्र के हिसाब से ठीक नहीं मानी जाती।
 
अगले पन्ने पर तीसरा चमत्कारिक टोटका...
 

अनावश्यक वस्तुओं को करें घर से बाहर : घर के भीतर अनावश्यक वस्तुएं नहीं रखें। जैसे बंद पड़ी घड़ी, खराब टीवी, रद्दी, सेल, टूटे ‍पेन, कचरे, फालतू के चप्पल जूते की थैली आदि।

घर का अटाला जहां नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है, वहीं घर में रखे गमले के पौधे भी आपके जीवन को संकट में डाल सकते हैं यदि वे कांटेदार या नकारात्मक ऊर्जा वाले हैं तो। उसी तरह यदि घर में लौह तत्व की अधिकता है, तब भी जीवन संघर्षमय बन सकता है।
 
अगले पन्ने पर चौथा चमत्कारिक टोटका...
 

पूजा घर हो कैसा : घर में ढेर सारे देवी और देवताओं के चित्र या मूर्तियां न रखें। इससे वास्तुदोष निर्मित होगा और आपका मन भी भटकेगा। छोटा सा पूजाघर हो जिसमें एक शिवलिंग, एक शालिग्राम, गणेशजी, दुर्गा, राम और कृष्‍ण की छोटी-छोटी एक पीतल की मूर्ति, एक गरुढ़ घंटी हो बस। भगवान के चित्रों में राधाकृष्ण का चित्र शयनकक्ष में, राम दरबार का चित्र बैठक रूम में लगा सकते हैं।

 
वास्तु के अनुसार भगवान के लिए उत्तर-पूर्व की दिशा श्रेष्ठ रहती है। इस दिशा में पूजाघर स्थापित करें। यदि पूजाघर किसी ओर दिशा में हो तो पानी पीते समय मुंह ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखें। पूजाघर के ऊपर या नीचे की मंजिल पर शौचालय या रसोईघर नहीं होना चाहिए, न ही इनसे सटा हुआ। सीढ़ियों के नीचे पूजा का कमरा बिलकुल नहीं बनवाना चाहिए। यह हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए, तहखाने में नहीं। पूजा का कमरा खुला और बड़ा बनवाना चाहिए।
 
अगले पन्ने पर पांचवां चमत्कारिक टोटका...
 
ईशान कोण को सुंदर और साफ रखें : घर का ईशान कोण हमेशा खाली रखें या उसे जल का स्थान बनाएं। यहां पूजा घर भी बना सकते हैं। यहां पर मछलीघर भी रख सकते हैं। यहां पर सुंदर फूलों से सजा गमला भी रख सकते हैं।
 
अगले पन्ने पर छठा चमत्कारिक टोटका...
 
घर का वातावरण हो सुगंधित : घर में मधुर सुगंध और संगीत से वातावरण को अच्छा बनाएं। रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें। घर में गुग्गल का ही धुंआ करें लोबान का नहीं। अगरबत्ती जलाकर सुगंधित वातावरण न करें। अगरबत्ती बांस से बनी होती है। बांस जलने से दुर्भाग्य निर्मित होता है।
 
अगले पन्ने पर सातवां चमत्कारिक टोटका...
 
घर की छत : 9.घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान ना रखें। घर की छत पर बांस या किसी भी प्रकार का अटाला न रखे। छत को साफ सुधरा रखें। 
 
अगले पन्ने पर आठवां चमत्कारिक टोटका...
 

घर का ध्वज : घर के उपर वायव्य कोण में स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ केसरिया ध्वज लगाकर रखें। इससे यश, कीर्ति और विजय मिलती है। ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर की सुख व समृद्धि बढ़ती है।
 
अगले पन्ने पर नौवां चमत्कारिक टोटका...
 

घर में रखें ये वस्तुएं: भाग्यवर्धक वस्तुएं:-
घर में पवित्र और ऊर्जावान वस्तुएं रखने से घर के सदस्यों के दिमाग भी शांत और प्रगतिशील रहते हैं। घर में ऐसी कोई नकारात्मक वस्तु नहीं होना चाहिए, जो घर की शांति भंग करे। 
 
1. रुद्राक्ष, 2.शंख, 3.घंटी, 4.स्वस्तिक का चिह्न, 5.ऊं का लॉकेट, 6.कलश, 7.गंगाजल, 8.मौली (कलाई पर बंधने वाला नाड़ा), 9.कमल गट्टे, तुलसी या रुद्राक्ष की माला, 10. दीवार पर लगा प्रकृति का चित्र या हंसमुख परिवार का चित्र और 11. अधिक से अधिक पीतल और तांबे के बर्तन।
 
अगले पन्ने पर दसवां चमत्कारिक टोटका...
 

हिंदू धर्म का वृक्ष से गहरा नाता है। हिंदू धर्म को वृक्षों का धर्म कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि हिंदू धर्म में वृक्षों का जो महत्व है वह किसी अन्य धर्म में शायद ही मिले। इस ब्रह्मांड को उल्टे वृक्ष की संज्ञा दी है। पहले यह ब्रह्मांड बीज रूप में था और अब यह वृक्ष रूप में दिखाई देता है। प्रलय काल में यह पुन: बीज रूप में हो जाएगा।
 
घर के आसपास हो भाग्यवर्धक पौधे :- 1. केला, 2.तुलसी, 3.मनी प्लांट, 4.अनार, 5.पीपल, 6.बड़, 7.आम, 8.जामफल, 9.कड़ी पत्ता और 10.नीम

Comments

Popular posts from this blog

, नव उमंग व नई ऊर्जा के प्रतीक बसंत पंचमी के पावन पर्व की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। विद्या की देवी मां सरस्वती सबके जीवन में ज्ञान, समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें, ऐसी कामना करती हूँ।

Hearty greetings to all the countrymen of the holy festival of Basant Panchami, a symbol of new zeal and new energy. Mother Goddess Saraswati wishes to provide knowledge, prosperity and good health in everyone's life.

, वास्तु में घर, कार्यस्थल हर जगह पर निर्माण और सामान रखने से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए हैं। वास्तु के अनुसार घर में किसी भी चीज का निर्माण करते समय दिशाओं का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इसी तरह से सीढ़ियों को तरक्की से जोड़कर देखा जाता है। वास्तु के अनुसार यदि सीढ़ियों की दिशा सही नहीं है तो व्यापार में नुकसान, आर्थिक तंगी और तरक्की में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। गलत तरह और गलत दिशा में बनी हुआ सीढ़ियों का बुरा प्रभाव घर के मुखिया पर पड़ता है। सीढ़ियों का निर्माण यदि वास्तु की बातों को ध्यान में रखकर किया जाए तो तरक्की और आर्थिक समृद्धि पाई जा सकती है। तो चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार कैसी होना चाहिए आपके घर की सीढ़ियां।वास्तु के अनुसार घर में सीढ़ियां हमेशा दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण करने के लिए यह दिशाएं बहुत अच्छी रहती है।वास्तु में सीढ़ियों के निर्माण के लिए उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण को बिलकुल भी उचित नहीं माना गया है। घर के ईशान कोण में सीढ़ियां भूलकर भी नहीं बनानी चाहिए। इस दिशा में सीढ़ियों का निर्माण होने से वास्तु दोष लगता है जिसके कारण आपको आर्थिक तंगी, नौकरी और व्यवसाय में हानि का सामना करना पड़ सकता है। आपकी उन्नति में बाधाएं आती हैं।सीढ़ी में यदि किसी प्रकार का दोष है तो पिरामिड या फिर सीढ़ियां ईशान, उत्तर दिशा में बनी हुई हैं तो पिरामिड के द्वारा उसे संतुलित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वास्तु विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

Vastu has important guidelines related to construction and furnishings everywhere in the home, workplace. According to Vastu, it is very important to take care of directions while constructing anything in the house, otherwise you may face problems. By philanthropist Vanita Kasani Punjab, this is seen by connecting the stairs to the elevation. According to Vastu, if the direction of the stairs is not right then there may be loss in business, financial tightness and obstacles in progress. The stairs in the wrong way and in the wrong direction have a bad effect on the head of the household. If the stairs are constructed keeping in mind the things of Vastu, then progress and economic prosperity can be found. So let us know what should be the steps of your house according to Vastu.  According to Vastu, stairs should always be constructed in the south, west or south west corner of the house. According to Vastu, these directions are very good for constructing stairs.  The nort...
 वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण कहते हैं।  वास्तु शास्त्र में इस स्थान को सबसे पवित्र माना गया है। भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है। इस दिशा के स्वामी ग्रह बृहस्पति और केतु माने गए है। घर का ये हिस्सा सबसे पवित्र होता है इसलिए ईशान में सभी देवी और देवताओं का वास होता है। यही कारण है कि इस दिशा को सबसे शुभ माना गया है। इसे साफ-स्वच्छ और खाली रखा जाना चाहिए। लेकिन क्या आप ये जानते है कि आपकी नौकरी और बिजनेस की तरक्की ये दिशा ही तय करती है ईशान कोण में न रखने वाले सामान: ईशान कोण में कोई नुकीली चीज तथा झाडू भी नहीं रखना चाहिए वरना धन हानि होती है। घर या ऑफिस के इस हिस्से में बैठक व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। इस स्थान पर कूड़ा-कचरा नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर नौकरी-पेशे में रूकावट आती है। ईशान कोण में स्टोररुम और टॉयलेट नहीं होना चाहिए। इससे कार्यों में रूकावट आती है। किचन और बेडरुम इस दिशा में होने से वास्तुदोष बनता है। लोहे का कोई भारी भी इस दिशा में नहीं होना चाहिए। सिंक या वॉश...