घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए? By वनिता कासनियां पंजाब हर इंसान के घर में एक पूजा स्थल या छोटा सा मंदिर होता है. जहां लोग कुछ देर बैठकर भगवान की आराधना करते हैं. लेकिन लोगों के मन में अलग-अलग प्रकार के सवाल उठते हैं जैसे की उन्हें अपने घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान/मूर्ति रखना चाहिए? या ऐसे कौन से देवता हैं जिनकी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए? शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में 33 कोटि के देवता होते हैं. तो हमें इनमें से कितने देवी देवताओं को अपने घर के मंदिर में रखना चाहिए. और इनमें से कितनों की पूजा करनी चाहिए. यह सब सवाल हमारे मन में उठते रहते हैं. तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इन सभी सवालों के उत्तर देंगे. कई लोग अपने घर के मंदिर में एक भगवान की अनेक मूर्तियां रखते हैं. आपने भी ऐसा अनेकों जगह देखा होगा. और कुछ लोग अपने घर के मंदिर में देवी देवताओं का झुंड बनाकर रखते हैं. कहने का तात्पर्य है की इंसान जहां देवताओं की पूजा करता है वहां मूर्तियों का या तस्वीरों का भंडार लाकर रख देता है. दोस्तों मेरा सवाल आपसे यह है कि क्या यही सही तरीका ह...
Vastu Tips: घर के इन स्थानों पर भूल से भी न बनवाएं कुआं, होगी हानि ही हानि By वनिता कासनियां पंजाब शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथवास्तु शास्त्री बताते हैं कि घर में गहरी खुदाई के लिए पूर्व दिशा का चयन करना शुभकारी होता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग घर में पानी की आवश्यकता के लिए बोरपांप अथवा कुएं की खुदाई करवाते हैं। मगर इस दौरान दिशाओं का ध्यान रखना अधिक आवश्यक होता है। अन्यथा वहां रह रहे लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।दरअसल वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य नौ प्रमुख स्थानों के बारे में बताया है। जिनमें आठ दिशाएं तथा एक ब्रह्म स्थान शामिल है। कहा जाता है इन समस्त स्थानों में से ब्रह्म स्थान पर अत्थाधिक ऊंचाई होना अथवा कुआं व बोर खोदा जाना हानिकारक साबित होता है। इस लिए इस स्थान पर ऐसा कोई भी कार्य करने से बचना चाहिए।इसके अलावा वास्तु शास्त्री बताते हैं कि वायव्य कोण जिसे उत्तर-पश्चिम कहा जाता है, कोने में बोर व कुएं का निर्माण करवाने से दैहिक-दैविक तथा भौतिक कष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है। इतना ही नहीं घर के सदस्यों को मानिसक परेशानियां होने लगती है। क्योंकि यह चंद्रमा की दिशा मानी जाती है, इसलिए यहां दोष पैदा होने से मनोभाव प्रभावित होता है।नैऋ़त्य कोण यानि दक्षिण-पश्चिम में बोर, कुआं होने से घर स्वामी के नाश का संकेत होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह दिशा राहू की होती है, इस दिशा में अधिक खुदाई करने से आकस्मिक घटनाक्रम बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही इस दिशा में बोर व कुआं होने से स्त्री को कष्ट होता है, घर की मालकिन का प्रभाव कमजोर होता है।इसके अतिरिक्त दक्षिण-पूर्व में उक्त व्यवस्था होने से घर के बच्चों को कष्ट की आशंका रहती है। उनकी शिक्षा दीक्षा तथा लालन-पालन में कमी रह जाती है।वास्तु के अनुसार कुआं और वाटर बोर उत्तर-पूर्व एवं उत्तर दिशा में होना शुभ होता है। उत्तर दिशा बुध ग्रह की होती है, जिसे हल्की दिशा माना जाता है।कहा जाता है इस दिशा में जल का प्रवाह सकारात्मक रहता है ठीक उसी तरह उत्तर-पूर्व गुरु की दिशा होती है, जिसे ईशान कोण कहते हैं। इस दिशा को पूजा आदि की दिशा कहा जाता है। यह दिशा व स्थान में स्वच्छ जल का प्रवाह और संग्रह सुख सौख्य कारक मानी जाती है।,
Vastu Tips: घर के इन स्थानों पर भूल से भी न बनवाएं कुआं, होगी हानि ही हानि By वनिता कासनियां पंजाब शास्त्रों की बात , जानें धर्म के साथ वास्तु शास्त्री बताते हैं कि घर में गहरी खुदाई के लिए पूर्व दिशा का चयन करना शुभकारी होता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग घर में पानी की आवश्यकता के लिए बोरपांप अथवा कुएं की खुदाई करवाते हैं। मगर इस दौरान दिशाओं का ध्यान रखना अधिक आवश्यक होता है। अन्यथा वहां रह रहे लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दरअसल वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य नौ प्रमुख स्थानों के बारे में बताया है। जिनमें आठ दिशाएं तथा एक ब्रह्म स्थान शामिल है। कहा जाता है इन समस्त स्थानों में से ब्रह्म स्थान पर अत्थाधिक ऊंचाई होना अथवा कुआं व बोर खोदा जाना हानिकारक साबित होता है। इस लिए इस स्थान पर ऐसा कोई भी कार्य करने से बचना चाहिए। इसके अलावा वास्तु शास्त्री बताते हैं कि वायव्य कोण जिसे उत्तर-पश्चिम कहा जाता है, कोने में बोर व कुएं का निर्माण करवाने से दैहिक-दैविक तथा भौतिक कष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है। इतना ही नहीं घर के सदस्यों को मानिसक परेशान...